Jagjit Singh Dallewal: 39 दिन से आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को लेकर पंजाब सरकार के रवैये पर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल खड़ा किया है. कोर्ट ने कहा है कि पंजाब सरकार का रवैया गतिरोध को हल करने वाला नहीं है. हालांकि, कोर्ट ने पंजाब सरकार को डल्लेवाल को हॉस्पिटल शिफ्ट करने के लिए और समय दे दिया है. सोमवार, 6 जनवरी को मामले पर आगे सुनवाई होगी. कोर्ट ने पंजाब के मुख्य सचिव और डीजीपी को हलफनामा दाखिल करने को कहा है.
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्य कांत की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा, "पंजाब सरकार के अधिकारियो की ओर से मीडिया में ऐसे बयान दिए जा रहे हैं, जैसे कोर्ट डल्लेवाल का अनशन तुड़वाना चाहता है. हम स्पष्ट कर चुके हैं कि हमे उनके अनशन पर एतराज़ नहीं है. हमारी चिंता सिर्फ उन्हें मेडिकल सहायता न मिलने पर है. वह मेडिकल मदद के साथ भी अनशन जारी रख सकते हैं."
पंजाब सरकार समझाने में रही असफल
कोर्ट ने कहा कि पंजाब सरकार डल्लेवाल को समझाने में असफल रही है. पंजाब सरकार के लिए पेश एडवोकेट जनरल गुरमिंदर सिंह ने बताया कि किसानों को समझाने के लिए अधिकारी धरनास्थल पर मौजूद हैं. लेकिन वह मान नहीं रहे हैं. उनका कहना है कि केन्द्र की तरफ से बातचीत की पहल होने पर ही वह मेडिकल सहायता लेंगे.
केंद्र सरकार को याचिका की कॉपी सौंपने को कहा
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में एक और याचिका रखी गई. इसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार ने पहले न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) गारंटी पर विचार करने का आश्वासन दिया था. किसानों के आंदोलन की मुख्य मांग यही है. इसलिए, कोर्ट सरकार को निर्देश दे कि वह इस बारे में विचार कर फैसला ले. इस पर कोर्ट ने याचिकाकर्ता को केंद्र सरकार को याचिका की कॉपी सौंपने को कहा. बेंच के सदस्य जस्टिस उज्ज्वल भुइयां ने कहा कि अगर केंद्र सरकार कुछ आश्वासन दे तो गतिरोध खत्म हो सकता है.