सेना पर लागू नहीं होगा व्यभिचार को अपराध न मानने वाला फैसला, सुप्रीम कोर्ट ने किया साफ
Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने व्यभिचार पर अपने 2018 के फैसले को स्पष्ट करते हुए कहा है कि सेना व्यभिचार (Adultery) मामलों में अधिकारियों पर कार्रवाई कर सकती है.
![सेना पर लागू नहीं होगा व्यभिचार को अपराध न मानने वाला फैसला, सुप्रीम कोर्ट ने किया साफ supreme court says adultery law decision not apply to Indian Army seen as Crime सेना पर लागू नहीं होगा व्यभिचार को अपराध न मानने वाला फैसला, सुप्रीम कोर्ट ने किया साफ](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/01/31/37870e7db65c0f02745b17f393a15a441675161722061528_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Supreme Court on Adultery: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने साफ किया है कि आईपीसी की धारा 497 को निरस्त करने के फैसले का असर सेना पर नहीं पड़ेगा. 2018 में दिए इस फैसले में कोर्ट ने व्यभिचार को अपराध के दायरे से बाहर किया था. कोर्ट ने आज (1 फरवरी) कहा कि सेना में कोई अधिकारी अगर दूसरे अधिकारी की पत्नी से संबंध बनाता है, तो यह गंभीर अनुशासनहीनता है. अगर इस पर कार्रवाई न हुई तो असंतोष की स्थिति बन सकती है. इसलिए, दोषी सैन्य अधिकारी को बर्खास्त करने या सजा देने से सेना को नहीं रोका जा सकता.
27 सितंबर 2018 को जोसेफ शाइन बनाम भारत सरकार मामले में फैसला देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आईपीसी की धारा 497 को निरस्त किया था. 5 जजों की संविधान पीठ ने इसे इस आधार पर रद्द किया था कि इसमें पति तो शिकायत दर्ज करा सकता है, लेकिन पत्नी को ऐसा ही अधिकार नहीं दिया गया है. इस तरह यह स्त्रियों को पुरुषों की तुलना में कमजोर स्थिति में रखता है. संविधान पीठ ने यह भी कहा था कि किसी की पत्नी से संबंध बनाने वाले को जेल भेजना ऐसा है जैसे पत्नी को पति की संपत्ति की तरह देखा जा रहा हो। साथ ही, कोर्ट ने कहा था कि अगर कोई विवाहेतर संबंध बनाता है तो यह तलाक का आधार हो सकता है. लेकिन इसके लिए उसे जेल की सजा नहीं दी जा सकती.
केंद्र ने मांगा था जवाब
केंद्र सरकार ने संविधान पीठ के इस फैसले पर स्पष्टीकरण मांगा था. केंद्र ने यह बताया था कि फैसला देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सेना की अलग स्थिति पर विचार नहीं किया. आर्म्ड फोर्सेस एक्ट में 'व्यभिचार' को अलग से नहीं लिखा गया है लेकिन अगर कोई सैन्य अधिकारी दूसरे अधिकारी के पत्नी के साथ संबंध बनाता है, तो इसे 'अवांछित कृत्य' माना गया है. इसके लिए उसके खिलाफ कोर्ट मार्शल की कार्रवाई करते हुए उसे बर्खास्त किया जा सकता है.
केंद्र ने क्या कहा था?
सरकार ने बताया है कि सेना की सेवा ऐसी है जहां एक सैनिक को लंबे अर्से तक परिवार से दूर रहना पड़ सकता है. इसलिए, थल सेना, जल सेना और वायु सेना के लिए बनाए गए अलग-अलग एक्ट में इस बात का उल्लेख है कि कोई अधिकारी दूसरे की पत्नी के साथ संबंध बनाए, तो इसे और अवांछित कृत्य माना जाएगा. उसे नौकरी से बर्खास्त किया जाएगा. केंद्र की तरफ से कहा गया था कि व्याभिचार को अपराध न बताने वाले फैसले को अगर सेना पर भी लागू किया गया तो इससे अस्थिरता फैल सकती है.
जस्टिस केएम जोसेफ की अध्यक्षता वाली पांच जजों की बेंच ने सरकार की दलील को स्वीकार किया. बेंच ने कहा कि व्यभिचार को अपराध के दायरे से बाहर करने का आदेश देते समय कोर्ट की यह मंशा नहीं थी कि यह सेना में किसी अनुशासनहीनता की वजह बने. कोर्ट ने साफ किया कि थल सेना से जुड़े ऐसे मामलों में आर्मी एक्ट की धारा 45 (नौकरी से बर्खास्त करने) और धारा 63 (7 साल तक की सजा) जैसे प्रावधान लागू होंगे. वायु सेना और जल सेना के लिए भी जो कानून बनाए गए हैं, उनके तहत वहां ऐसे मामलों में कार्रवाई की जा सकती है.
ये भी पढ़ें:
जो बाइडेन ने प्रधानमंत्री मोदी को दिया अमेरिका आने का न्योता, जानें कब हो सकता है ये दौरा
![IOI](https://cdn.abplive.com/images/IOA-countdown.png)
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![अनिल चमड़िया](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/4baddd0e52bfe72802d9f1be015c414b.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)