सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों से स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा है. कोर्ट ने कहा है कि राज्य मामले में केन्द्र सरकार की तरफ से बनाए गए दिशानिर्देशों का पालन करें. महाराष्ट्र के बदलापुर समेत देश के कई स्कूलों में बच्चों के यौन उत्पीड़न की घटनाओं का हवाला देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह निर्देश दिया है.

 

एनजीओ बचपन बचाओ आंदोलन की याचिका में कहा गया था कि राज्य स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा पर ध्यान नहीं दे रहे हैं. इसका नतीजा है कि महाराष्ट्र के बदलापुर में छोटे बच्चों का यौन शोषण की घटना हुई. देश के अलग-अलग हिस्सों में लगातार ऐसी घटनाएं हो रही हैं. 

 

गौरतलब है कि गुरुग्राम के रयान स्कूल में 2017 में हुई प्रद्युम्न नाम के छात्र की हत्या के बाद उसके पिता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. अप्रैल 2018 में कोर्ट ने कहा था कि केंद्र सरकार स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा पर दिशानिर्देश तय करे. यह दिशानिर्देश देश के सभी सरकारी और निजी स्कूलों पर लागू होंगे. 2021 में केंद्र ने यह गाइडलाइंस तैयार किए. लेकिन 5 राज्यों को छोड़कर बाकी में इसका पालन नहीं हो रहा है.

 

बचपन बचाओ आंदोलन के लिए पेश वरिष्ठ वकील एच एस फुल्का ने जस्टिस बी वी नागरत्ना की अध्यक्षता वाली बेंच को बताया कि इन गाइडलाइंस में स्टाफ का वेरिफिकेशन, स्टाफ की उचित ट्रेनिंग, सीसीटीवी की निगरानी, शिक्षकों और अभिभावकों के बीच लगातार संवाद, बच्चों में जागरूकता फैलाना जैसे कदम शामिल हैं.

 

फुल्का की दलीलें थोड़ी देर सुनने सुनने के बाद बेंच ने कहा कि सभी राज्यों को इन गाइडलाइंस का पालन करना चाहिए. राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) इसकी कॉपी सभी राज्यों के चीफ सेक्रेटरी को भेजे. NCPCR इस बात की निगरानी करे कि राज्य इसे लागू कर रहे हैं या नहीं. इस आदेश के साथ सुप्रीम कोर्ट ने मामले का निपटारा कर दिया.