Supreme Court News: ट्रिब्यूनल में खाली पदों पर सुप्रीम कोर्ट की केंद्र को फटकार, कहा- 'हमारे धैर्य की परीक्षा मत लीजिए'
Supreme Court News: ट्रिब्यूनल में खाली पदों के मसले पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि सरकार के रवैए के चलते कई ट्रिब्यूनल बंद होने की कगार पर पहुंच गए हैं.
Supreme Court News: अलग-अलग ट्रिब्यूनल में खाली पदों के मसले पर सुप्रीम कोर्ट ने आज कड़ी नाराजगी जताई. कोर्ट ने कहा कि सरकार उसके आदेशों का सम्मान नहीं कर रही. कोर्ट ने अगले सोमवार तक सभी पदों को भरने के लिए कहा है. कोर्ट ने यह भी कहा कि सरकार के इस रवैए के चलते कई ट्रिब्यूनल बंद होने की कगार पर पहुंच गए हैं.
ट्रिब्यूनल में खाली पदों का मसला सुप्रीम कोर्ट में काफी समय से लंबित है. सरकार ने कई बार इन पदों को भरने का आश्वासन दिया. लेकिन इस सिलसिले में ज़्यादा कुछ नहीं हुआ. इस समय लगभग 240 पद खाली हैं. आज चीफ जस्टिस एन वी रमना की अध्यक्षता वाली 3 जजों की बेंच ने सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता से कहा, "हम सरकार से टकराव नहीं चाहते. इसलिए कोई आदेश जारी नहीं कर रहे. आप बस आश्वासन मत दीजिए. अगली सुनवाई सोमवार को होगी."
कोर्ट ने आज हाल ही में पारित ट्रिब्यूनल रिफॉर्म्स एक्ट पर भी कड़े सवाल उठाए. कोर्ट ने कहा कि उसने जिस अध्यादेश को निरस्त कर दिया था, उसकी को लगभग हूबहू कानून के रूप में पारित कर दिया गया है. कांग्रेस सांसद ने जयराम रमेश की याचिका में एक्ट की धारा 3(1), 3(7), 5 और 7(1) को चुनौती दी गई है.
मामले की सुनवाई के दौरान बेंच के सदस्य जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा, "एक्ट के कई प्रावधान सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के विपरीत हैं. 50 साल से कम आयु के व्यक्ति को नियुक्ति के अयोग्य बताना भी ऐसा ही एक प्रावधान है." चीफ जस्टिस रमना ने कहा, "ऐसा लगता है कि कोर्ट के फैसले का सरकार सम्मान नहीं करना चाहती. हमारे सामने कई रास्ते हैं. हम या तो आपके कानून पर रोक लगा दें, या खुद ही नियुक्ति शुरू कर दें या आपको अवमानना का नोटिस जारी करें. हम फिलहाल कोई आदेश जारी नहीं कर रहे. अगली सुनवाई तक इंतजार करेंगे. कृपया हमारे धैर्य की परीक्षा मत लीजिए."
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