नई दिल्लीः बढते प्रदूषण और पर्यावरण को हो रहे नुकसान के बीच सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. देश की सबसे बड़ी अदालत ने कहा कि देशभर में 1 अप्रैल 2020 से भारत स्टेज (बीएस) 4 श्रेणी के वाहनों की बिक्री पर पाबंदी होगी. कोर्ट के इस फैसले का सीधा असर ये होगा कि प्रदूषण में कमी आएगी और पर्यावरण को हो रहा नुकसान कम होगा.


ग़ौरतलब है कि इस कोर्ट के इस आदेश का ये भी मतलब है कि अब भारत स्टेज-6 (या बीएस-6) किस्म के ईंधन का इस्तेमाल एक अप्रैल, 2020 से देशभर में प्रभावी हो जाएंगे. वहीं कार चलाने और नई कार खरीदने वालों दोनों के लिए बुरी खबर है, क्योंकि भारत में बीएस-4 नॉर्म्स आने के बाद कारों के दाम भी बढ़ सकते हैं. माना जा रहा है कि कारों की कीमतों में 1-1.5 लाख रुपये तक का इजाफा हो सकता है. हालांकि सिर्फ इस आधार पर कारों के दाम नहीं बढ़ेंगे क्योंकि एक्सचेंज रेट, कोयले के दाम और शिपिंग कीमतों जैसे कारकों पर भी कारों की कीमतें निर्धारित होती हैं.


दरअसल, बीएस-4 के आने के बाद कार कंपनियों को नए ईंधन के उपयोग करने के चलते कार पर होने वाला खर्च बढ़ जाएगा. माना जाता है कि पर्यावरण के नए मानक आने के बाद कोयले से चलने वाले पावर प्लांट की बिजली के दाम 40-50 पैसे प्रति यूनिट तक बढ़ सकते हैं और वहीं गाड़ियों का फ्यूल 70 पैसे प्रति लीटर महंगा हो सकता है.


याद रहे कि बीएस यानी भारत स्टेज ईंधन की गुणवत्ता और गाड़ियों से निकलने वाले धुएं को लेकर कायदे-कानून का पैमाना है.


मौजूदा वाहनों का क्या होगा?


देश में बीएस-4 मानक वाले इंजन के साथ गाड़ियों का बिकना शुरु हो चुका है. कार कंपनियों का कहना है कि अगर आपके पास बीएस-4 मानक वाले इंजन लगी गाड़ी आपके पास है तो आपको चिंता करने की जरुरत नहीं. इसमें बीएस-6 किस्म के ईंधऩ का इस्तेमाल बिना किसी परेशानी के किया जा सकता है. दूसरे शब्दों में कहें तो आपको इंजन वगैरह बदलवाने की जरुरत नहीं होगी.