नई दिल्ली: सोशल मीडिया पर नज़र रखने की सरकार की कोशिशों पर सुप्रीम कोर्ट ने जवाब मांगा है. कोर्ट ने कहा है, "सोशल मीडिया की सामग्री पर सरकारी निगरानी और नियंत्रण भारत को सर्विलांस स्टेट (आम लोगों पर नज़र रखने वाली व्यवस्था) में बदल देगा."


तृणमूल कांग्रेस की विधायक महुआ मोइत्रा ने इस बारे याचिका दाखिल की है. उनके वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट को बताया कि सरकार ज़िला स्तर पर सोशल मीडिया निगरानी कमिटी बनाने जा रही है. केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्रालय इस दिशा में काम कर रहा है.


सिंघवी ने दलील दी कि लोगों के व्हाट्सएप और दूसरे मैसेज पर सरकार का नज़र रखना निजता के अधिकार का हनन है. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच ने उनकी दलीलों से शुरुआती सहमति जताते हुए सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा. कोर्ट ने एटॉर्नी जनरल से भी इस मसले पर सहायता करने के लिए कहा है.


सुप्रीम कोर्ट का सरकार से सवाल- दिल्ली और मुंबई की सड़कों पर कितने गड्ढे हैं?