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सुप्रीम कोर्ट ने कहा- 'महिला क्या पहने या कैसे रहे, जज इस पर टिप्पणी करने से बचें'
सुप्रीम कोर्ट ने जजों को लैंगिक समानता और महिलाओं के प्रति संवेदनशील रवैया रखने के लिए कहा है. कोर्ट ने जजों, सरकारी वकीलों और बाकी वकीलों को ऐसे मसलों पर संवेदनशील बनाने के लिए शिक्षित किए जाने की ज़रूरत बताई है.
सुप्रीम कोर्ट ने देश भर के जजों को लैंगिक पूर्वाग्रह से बचने की नसीहत दी है. कोर्ट ने कहा है कि जज सुनवाई के दौरान या अपने आदेशों में कोई भी ऐसी टिप्पणी न करें जो पूर्वाग्रह से ग्रस्त हो. कोर्ट ने एक मामले में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के आदेश को निरस्त करते हुए यह बातें कही हैं. हाई कोर्ट ने यौन उत्पीड़न के एक आरोपी को ज़मानत देते समय शिकायतकर्ता महिला से राखी बंधवाने की शर्त रखी थी. सुप्रीम कोर्ट ने ऐसी शर्त को गलत करार दिया. इसे पीड़िता की तकलीफ बढ़ाने वाला बताते हुए रद्द कर दिया.
गुरुवार को दिए फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने जजों को लैंगिक समानता और महिलाओं के प्रति संवेदनशील रवैया रखने के लिए कहा है. कोर्ट ने जजों, सरकारी वकीलों और बाकी वकीलों को ऐसे मसलों पर संवेदनशील बनाने के लिए शिक्षित किए जाने की ज़रूरत बताई है. कोर्ट ने नए जजों की ट्रेनिंग में जेंडर सेंसिटाइजेशन का विषय रखे जाने का निर्देश दिया है. बार काउंसिल ऑफ इंडिया से भी कहा है कि वह एलएलबी की पढ़ाई में यौन अपराध और महिलाओं के प्रति संवेदनशीलता को भी शामिल करें.
जस्टिस ए एम खानविलकर और एस रविंद्र भट की बेंच ने कहा है कि :-
* यौन अपराध के आरोपी को जमानत देते समय कोर्ट उसे शिकायतकर्ता महिला से जाकर मिलने, माफी मांगने के लिए न कहे
* अगर शिकायतकर्ता को कोई खतरा हो तो उसे उचित सुरक्षा देने पर भी विचार हो
* कोर्ट अपनी तरफ से दोनों पक्षों में समझौते या शादी जैसा सुझाव न दे
* महिला के कपड़ों, आचरण वगैरह पर टिप्पणी न करें
सुप्रीम कोर्ट ने देश भर के जजों को कुछ बातों से बचने की नसीहत दी है. कोर्ट ने कहा है कि सुनवाई के दौरान या आदेश में जज इस तरह की टिप्पणी न करें कि :-
# महिला शारीरिक रूप से कमज़ोर होती है. उसे संरक्षण की ज़रूरत होती है.
# महिला खुद निर्णय नहीं ले सकती
# पुरुष परिवार के मुखिया होते हैं. उन्हें ही सभी फैसले लेने चाहिए.
# हमारी संस्कृति के हिसाब से महिलाओं को झुकी हुई और आज्ञाकारी होना चाहिए
# अच्छी औरतें अपनी पवित्रता का ध्यान रखती हैं
# मातृत्व महिला का कर्तव्य है
# रात में अकेले घूमना या विशेष तरह के कपड़े पहनना बलात्कार को निमंत्रण देना है
# महिला का सिगरेट या शराब पीना पुरुष को उत्तेजित कर सकता है
# सेक्सुअली सक्रिय महिला अपराध की शिकायत करे तो ज़्यादा संभावना है कि वह उसकी मर्जी से हुआ होगा
# अगर चोट या निशान न हों तो मामला महिला की मर्ज़ी से सेक्स का होगा
सुप्रीम कोर्ट ने यह बातें ऐसे समय में कही हैं जब उत्तराखंड केे मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के घुटनों से फटी जींस पर दिए बयान को लेकर विवााद मचा हुआ है. सुप्रीम कोर्ट पहले भी कई मौकों पर महिलाओं के प्रति निचली अदालतों मेंं कई बार अपनाए जाने वाले असंवेदनशील रवैए पर चिंता जता चुका है. मध्य प्रदेश के हालिया मामले को सुनते हुए सुप्रीम कोर्ट ने जजों के दिशा-निर्देश जारी करने को जरूरी माना.
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