Supreme Court Rejected Bail Plea: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में आम आदमी पार्टी के पूर्व संचार प्रभारी विजय नायर की जमानत याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी, जिसमें कथित दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉंड्रिंग मामले में जमानत की मांग की गई थी.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जस्टिस ऋषिकेश रॉय और जस्टिस एस वी एन भट्टी की बेंच ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से पेश वकील द्वारा नायर की जमानत याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए एक ह्फ्ते का समय मांगे जाने के बाद कार्यवाही को "अनिच्छा से" स्थगित कर दिया.
ED के वकीलों ने नहीं दायर किया एफिडेविट
कार्यवाही स्थगित करने के केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी के अनुरोध की निंदा करते हुए, पीठ, जिसमें न्यायमूर्ति एसवीएन भट्टी भी शामिल थे. कार्रवाई के दौरान उन्होंने कहा कि ईडी के वकील कुछ समय पहले ही मौजूद हो चुके हैं, लेकिन जवाबी हलफनामा दायर नहीं किया गया है.
दिल्ली आबकारी नीति घोटाला मामले में विजय नायर को मिलेगी जमानत?
हालांकि, इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने आगे की सुनवाई के लिए 2 सितंबर को तारीख दी है. जबकि, पिछली सुनवाई में सुप्रीम ने नायर की याचिका पर ईडी को नोटिस जारी किया था. इसके साथ ही मनी लॉंड्रिंग और जांच एजेंसी से 27 अगस्त तक अपना जवाब दाखिल करने को कहा था.
जानिए विजय नायर की जमानत याचिका पर SC में क्या दिया तर्क?
इस दौरान कारोबारी विजय नायर की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला दिया, जिसमें सुनवाई शुरू होने में देरी के आधार पर आबकारी नीति मामले में वरिष्ठ आप नेता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका स्वीकार कर ली गई थी.
विजय नायर का केस पूरा होने में लगेगा समय
वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने ने कहा कि आरोपी कारोबारी विजय नायर को भ्रष्टाचार के एक मामले में जमानत मिल गई है, लेकिन वह ईडी के एक मामले में हिरासत में है. ऐसे में अब तक उसने करीब दो साल तक कारावास में बिताए हैं, साथ ही मुकदमा पूरा होने में और समय लगेगा.
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