Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने पहली बार लाइव ट्रांसक्रिप्शन के लिए  मंगलवार (21 फरवरी) को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) टूल और नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग की टेक्नोलॉजी का उपयोग किया. यह शुरुआती दौर में प्रयोग के तौर पर इस्तेमाल किया गया है.


भारत के चीफ जस्टिस (CJI) डी वाई चंद्रचूड़ ने ट्रांसक्रिप्शन शुरू करने के दौरान कहा कि यह एक या दो दिनों के लिए प्रायोगिक आधार पर होगा, ताकि इसकी कमी को दूर किया जा सके. संविधान पीठ की सुनवाई के दौरान उन्होंने बताया कि इसमें वकीलों ने क्या कहा या कोर्ट में क्या तर्क दिए, इससे शुरू किया गया और कोर्ट की वेबसाइट पर ट्रांसक्रिप्शन को अपलोड करने से पहले देखने के लिए वकीलों को दिया जाएगा. 


सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ ने क्या कहा? 


संविधान बेंच की सुनवाई शुरू किए जाने के बाद सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाली बेंच ने कहा, ‘‘क्या आप स्क्रीन देख रहे हैं? हम केवल ट्रांसक्रिप्शन की संभावनाओं का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं. उसके बाद हम एक स्थायी रिकॉर्ड रखेंगे. इससे वकीलो, जजों और लॉ कॉलेजों में पढ़ने वाले लोगों को मदद मिलेगी. बता दें कि चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाली संविधान बेंच महाराष्ट्र में 2022 के सत्ता संघर्ष से जुड़े मामले की सुनवाई कर रही है. 


क्या समस्या आ रही है?  


मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि जब दो या इससे ज्यादा लोग बोलेंगे तो इसमें परेशानी आ सकती है. हालांकि एक शख्स होगा जो कि बाद में सभी गलती ठीक करेगा. इससे इस समस्या से छूट मिल सकती है. पहले भी कोर्ट कई ऐतिहासिक कदम उठाता रहा है. इसे भी उसी कड़ी में माना जा रहा है. जस्टिस नरसिम्हा ने कहा कि वचुर्अल सुनवाई के दौरान किसी को कुछ कहना होगा तो वो अपना हाथ खड़ा करेगा. इसे अदालत में भी अपनाना होगा. 


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