SC ने राहुल गांधी से मांगी सफाई, पूछा- जो बात हमने नहीं कही, उसे हमारा बयान क्यों बताया?
सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि राफेल मामले में राहुल ने जिन बातों को आदेश का हिस्सा बताया, वो कोर्ट ने नहीं कही थीं. कोर्ट ने राहुल गांधी को सफाई देने के लिए कहा है.
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के आदेश को तोड़-मरोड़ कर लोगों के बीच रखने के मामले में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी फंसते नज़र आ रहे हैं. कोर्ट ने उनको मामले पर सफाई देने को कहा है. कोर्ट ने साफ किया कि राफेल मामले में राहुल ने जिन बातों को आदेश का हिस्सा बताया, वो कोर्ट ने नहीं कही थीं.
दरअसल, 11 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने राफेल मामले में कुछ कागजों को कोर्ट में रखे जाने पर एटॉर्नी जनरल के विरोध को खारिज किया था. लेकिन राहुल ने बयान दिया कि कोर्ट ने चौकीदार नरेंद्र मोदी को चोर कहा है. बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी ने इसे अवमानना बताते हुए याचिका दायर की. उन्होंने कहा कि राहुल ने कोर्ट के आदेश को लेकर लोगों में भ्रम फैलाने की कोशिश की. इस तरह की हरकत न्यायिक प्रक्रिया में दखल है.
मीनाक्षी लेखी की तरफ से कोर्ट में पेश पूर्व एटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने राहुल का बयान हिंदी में पढ़ कर कोर्ट को सुनाया. रोहतगी ने बताया, "कोर्ट के आदेश के बाद राहुल ने बयान दिया- सुप्रीम कोर्ट ने चौकीदार नरेंद्र मोदी को चोर कहा है. कहा है कि मोदी जी ने अपने दोस्त अनिल अंबानी की जेब मे 30 हज़ार करोड़ रुपए डाले हैं."
मामले की सुनवाई कर रही बेंच के अध्यक्ष चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने इस पर हैरानी जताते हुए कहा, "लेकिन हमने तो ऐसा कुछ नहीं कहा." इस पर रोहतगी ने कहा, "आप अपने आदेश में इसे साफ करें और अवमानना करने वाले से जवाब मांगें."
चीफ जस्टिस ने आदेश में लिखवाया, "हमने कानूनी पहलू पर फैसला लिया. कुछ ऐसे कागज़ात को सुनवाई के हिस्सा बनाने को तैयार हुए जिनका एटॉर्नी जनरल ने विरोध किया था. लेकिन हमारा नाम लेकर राहुल गांधी ने जो बातें मीडिया और जनता के सामने कहीं, वैसी कोई टिप्पणी हमारी नहीं है."
आदेश में आगे लिखा गया है, "राहुल गांधी अगले सोमवार, 22 अप्रैल तक अपने बयान पर सफाई दें. कोर्ट मंगलवार को मामले पर आगे की सुनवाई करेगा."