Tamil Nadu Politics: दिवंगत जयललिता की पार्टी ऑल इंडिया द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) पर वर्चस्व की जंग में आज पलानीसामी खेमे को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से बड़ी राहत मिली. सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाईकोर्ट (Madras High Court) के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें 11 जुलाई को होने जा रही बैठक में कोई प्रस्ताव पारित करने से मना किया गया था. हाईकोर्ट ने यह आदेश पन्नीरसेल्वम (Panneerselvam) खेमे की याचिका पर दिया था.
जयललिता (Jayalalithaa) के निधन के बाद से पार्टी पर पलानीसामी और पन्नीरसेल्वम का दोहरा नेतृत्व है. पार्टी में बहुमत के समर्थन वाला पलानीसामी खेमा अब एक नेतृत्व की बात कर रहा है. इसके चलते पन्नीरसेल्वम को पार्टी में हाशिये पर चले जाने का अंदेशा है.
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और कृष्ण मुरारी की बेंच ने सुनवाई के दौरान टिप्पणी की कि हाईकोर्ट को किसी राजनीतिक दल के आंतरिक मामलों में दखल नहीं देना चाहिए था. माना जा रहा है कि 11 जुलाई को पलानीसामी खेमा पार्टी की नियमावली में बदलाव का प्रस्ताव पारित कर सकता है.
AIADMK के नेतृत्व को लेकर खींचतान
दरअसल जयललिता के निधन के बाद से ही एआईएडीएमके में नेतृत्व को लेकर विवाद चल रहा है. पार्टी पन्नीरसेल्वम और पलनीसामी दो गुटों में बंट चुकी है. जहां एक तरफ पलनीसामी खेमा एक व्यक्ति के हाथ में पार्टी की कमान होने की पैरवी कर रहा है तो वहीं पन्नीरसेल्वम गुट इसके खिलाफ है. पिछले महीने ही पार्टी के अंदरूनी मुद्दों को सुलझाने के लिए एक बैठक रखी गई थी.
जिसमें कई प्रस्ताव रखे जाने थे, लेकिन बैठक के बीच में ही किसी बात को लेकर हंगामा मच गया. फिर देखते ही देखते पन्नीरसेल्वम की ओर बोतले फेंकी जाने लगीं. बैठक में पलानीसामी गुट के लोग, उन्हें ही पार्टी का सबसे बड़ा नेता बनाने की मांग करते रहे, जिसके बाद हंगामा बढ़ता देख पार्टी ने घोषणा की कि आम परिषद की अगली बैठक 11 जुलाई को होगी.
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