SC ने एमपी हाईकोर्ट के रैलियां न होने देने के आदेश पर लगाई रोक, कहा- पार्टियां देखें कि जनसभाओं से न हो कोरोना संक्रमण
सुुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाते हुए प्रशासन को सुनिश्चित करने को कहा कि रैलियों और जनसभाओं से कोरोना संक्रमण नहीं फैलेगा.
मध्य प्रदेश: कोरोना काल में होने वाली रैलियों और जनसभाओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट की ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है. सुप्रीमकोर्ट ने कहा है कि "राजनैतिक दल ये सुनिश्चित करें कि उनकी रैलियों और जनसभाओं से कोरोना संक्रमण नहीं फैलेगा."
राजनीतिक रैलियां भरोसा दिलाये कि उनकी रैलियों से कोरोना नहीं फैलेगा- मध्य प्रदेश हाईकोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगाई जिसके तहत मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य में होने वाले उपचुनावों के दौरान रैलियों और जनसभाओं पर यह कहते हुए प्रतिबंध लगा दिया कि कोरोना काल में इस तरीके की रैलियां कोरोना संक्रमण को और ज्यादा फैला सकती हैं. मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने कहा था अगर राजनीतिक दल रैलियां करना ही चाहते हैं तो वह पहले प्रशासन के अधिकारियों को यह भरोसा दिलाये कि उनका रैली करना क्यों जरूरी है. साथ ही उनकी रैली करने से कोरोना संक्रमण नहीं फैलेगा.
केंद्रीय चुनाव आयोग ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के उस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि यह राजनीतिक दलों की जिम्मेदारी है कि वह यह सुनिश्चित करें कि उनकी किसी रैली या जनसभा से कोरोना संक्रमण ना फैले. ऐसे हालात क्यों बने कि हाईकोर्ट को हस्तक्षेप करने की जरूरत पड़ी.
दिशानिर्देश के ना पालन होने पर चुनाव आयोग करे कार्रवाई- सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान केंद्रीय चुनाव आयोग ने दलील देते हुए कहा कि केंद्रीय चुनाव आयोग ने पहले से ही रैलियों, जनसभाओं और चुनाव प्रचार प्रसार को लेकर दिशा निर्देश जारी किए हैं. लिहाजा मध्य प्रदेश हाईकोर्ट का यह आदेश सही नहीं है और कोर्ट का आदेश केंद्र चुनाव आयोग के काम में हस्तक्षेप है. याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि यह चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है कि वह यह देखे कि अगर दिशानिर्देश जारी हुए हैं उन पर पालन हो रहा है या नहीं. अगर पालन नहीं हो रहा तो उचित कार्रवाई हो.
इससे पहले मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने आदेश देते हुए कहा था कि राज्य में होने वाले उपचुनावों के दौरान रैलियों और जनसभाओं पर रोक लगनी चाहिए क्योंकि उससे कोरोना संक्रमण होने का खतरा और ज्यादा बढ़ जाएगा. हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि अगर फिर भी राजनीतिक दल और उम्मीदवार रैली आयोजन और जनसभाएं करना चाहते हैं तो उसके लिए उनको ज़िला कलेक्टर से अनुमति लेनी जरूरी होगी और बताना होगा कि क्यों यह रैलियां और जनसभाएं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए नहीं हो सकती.
मध्य प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश में यह भी कहा गया था कि अगर राजनैतिक दल और उम्मीदवार रैलियों और जनसभाओं को करना चाहते हैं तो उसके लिए उनको प्रशासन के सामने मास्क और सैनिटाइजर खरीदने के लिए खर्च होने वाले पैसे को सिक्योरिटी के तौर पर जमा करना होगा. जिसका इस्तेमाल रैली में आने वाले लोगों को मास्क और सैनिटाइजर देने में किया जाएगा.
गौरतलब है मध्य प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं और उपचुनाव के लिए राज्य में प्रचार जारी है. इस चुनावी प्रचार के तहत ही जनसभाएं और रैलियां आयोजित की जा रही है. हालांकि अभी कुछ दिनों पहले ही केंद्रीय चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक दलों को चिट्ठी लिखकर दिशा निर्देश जारी किए हैं कि कोरोना काल में हो रहे इन चुनावों के दौरान होने वाले प्रचार प्रसार रैलियों और जनसभाओं में यह सुनिश्चित किया जाए की वहां आने वाले लोग कोरोना से बचाव को लेकर समुचित कदम उठाएं. जिसके तहत सोशल डिस्टेंसिंग मास्क और सैनिटाइजर का इस्तेमाल जरूरी है.
केंद्रीय चुनाव आयोग का ये निर्देश ना सिर्फ मध्यप्रदेश बल्कि बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव और देश के अन्य राज्यों में होने वाले विधानसभा उपचुनाव पर भी लागू होगा.
यह भी पढ़ें.