Former Mumbai Police Commissioner Parambir Singh News: मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह को आज सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली. कोर्ट ने परमबीर के खिलाफ सभी मुकदमों को रद्द करने या सीबीआई को ट्रांसफर करने की मांग पर नोटिस जारी किया. साथ ही, उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 6 दिसंबर को होगी. तब तक कोर्ट ने परमबीर से जांच में सहयोग करने के लिए कहा है.


'भारत में ही हैं परमबीर'


18 नवंबर को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने परमबीर सिंह की याचिका पर सुनवाई से मना कर दिया था. जस्टिस संजय किशन कौल और एम एम सुंदरेश की बेंच ने उनके वकील से पूछा था, "सबसे पहले हमें यह बताइए कि वह कहां हैं? देश में हैं या बाहर फरार हो गए हैं? इस जानकारी के बिना मामले पर सुनवाई नहीं हो सकती." आज सुनवाई शुरू होते हैं पूर्व पुलिस कमिश्नर के लिए पेश वरिष्ठ वकील पुनीत बाली ने जजों को बताया, "मेरी उनसे खुद बात हुई है. वह भारत में ही हैं. लेकिन महाराष्ट्र में कदम रखते ही उन्हें खतरा है. इसलिए सामने नहीं आ रहे हैं.


'निशाना बनाया जा रहा है'


इस पर जस्टिस कौल ने कहा, "हमें हैरानी है कि एक पूर्व पुलिस कमिश्नर ऐसी बात कह रहा है." वकील ने इसके जवाब में कहा, "परमबीर सिंह को फंसाया जा रहा है, क्योंकि उन्होंने गृह मंत्री अनिल देशमुख पर अवैध उगाही रैकेट चलाने का आरोप लगाया था." इसके बाद याचिकाकर्ता के वकील ने परमबीर की नए पुलिस कमिश्नर संजय पांडे के साथ हुई बातचीत का ब्यौरा कोर्ट में रखा. उन्होंने कहा, "जब परमबीर सिंह शिष्टाचार के लिए पुलिस कमिश्नर से मिलने गए, तो उन्होंने कहा कि वह गृह मंत्री के खिलाफ लगाए गए आरोप वापस ले लें. उनके साथ समझौता कर लें. नहीं तो पुलिस को यह आदेश दिया गया है कि उनके खिलाफ कई मुकदमे दर्ज हों." वकील ने आगे कहा, "परमबीर ने पद पर रहते हुए जिन पुलिस अधिकारियों को गलत और भ्रष्ट आचरण के लिए दंडित किया, उन्हीं को शिकायतकर्ता बनाकर एक के बाद एक 6 मुकदमे दर्ज कर लिए गए हैं."


कोर्ट ने लगाई गिरफ्तारी पर रोक


याचिकाकर्ता के वकील में यह भी कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट चाहे तो वह 48 घंटे के भीतर किसी भी सीबीआई अधिकारी या सीबीआई की विशेष कोर्ट में पेश हो सकते हैं. लेकिन वह महाराष्ट्र पुलिस के सामने पेश नहीं होना चाहते. जजों ने इन सभी बातों को नोट करते हुए अंत में परमवीर सिंह की याचिका पर नोटिस जारी कर दिया. जजों ने उनसे कहा कि वह पुलिस जांच के लिए पेश हों. लेकिन उन्हें अंतरिम सुरक्षा प्रदान करते हुए कहा कि फिलहाल पुलिस उन्हें गिरफ्तार न करे. सुनवाई के दौरान जजों ने कहा कि महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व पुलिस कमिश्नर के बीच जो खींचतान चल रही है, उसकी जानकारी बहुत परेशान करने वाली है.


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