Karnataka Board: सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक बोर्ड स्कूलों में क्लास 5, 8, 9 और 11वीं के स्टूडेंट्स के लिए बोर्ड एग्जाम बरकार रखने के हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाई है. इस तरह कर्नाटक में अभी बोर्ड रिजल्ट जारी नहीं होगा. शीर्ष अदालत ने मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि कर्नाटक हाईकोर्ट की तरफ से बोर्ड एग्जाम को लेकर दिया गया फैसला आरटीआई अधिनियम के मुताबिक नहीं है. अदालत ने राज्य सरकार से इस मामले में दो हफ्ते में जवाब मांगा है.


दरअसल, अदालत की एकल पीठ ने कर्नाटक में 5, 8, 9 और 11वीं क्लास के लिए होने वाले बोर्ड एग्जाम को रद्द करने का आदेश दिया. इसके बाद ये मामला कर्नाटक हाईकोर्ट पहुंचा, जहां अदालत ने राज्य बोर्ड को परीक्षाओं करवाने का आदेश दिया. हाईकोर्ट की तरफ से एकल पीठ के फैसले को पलट दिया गया और इस तरह राज्य में 5, 8, 9 और 11वीं के बच्चों के लिए बोर्ड एग्जाम करवाने का रास्ता साफ हो गया. हालांकि, फिर ये मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया. 


हितधारकों से बात कर बोर्ड एग्जाम करवाए सरकार: कर्नाटक हाईकोर्ट


कर्नाटक हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा था कि परीक्षाओं को वहीं से शुरू करवाना होगा, जहां इस पर रोक लगाई गई थी. अदालत की तरफ से आदेश दिया गया था कि राज्य सरकार जब अगले साल बोर्ड एग्जाम करवाएगी, तो उससे पहले उसे सभी हितधारकों से बात करनी होगी. उनकी सलाह के बाद ही परीक्षाएं करवाई जाएं. हालांकि, रजिस्टर्ड अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. 


छात्रों के भविष्य के साथ हो रहा खिलवाड़: सुप्रीम कोर्ट


वहीं, सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है. सरकार की तरफ से न सिर्फ छात्रों को बल्कि पैरेंट्स, टीचर और स्कूल मैनेजमेंट को भी परेशान किया जा रहा है. जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस पंकज मिथल की पीठ ने इस मामले पर सुनवाई की. पीठ ने 5, 8, 9 और 11वीं के बच्चों के रिजल्ट पर रोक लगाने का फैसला दिया. 


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