नई दिल्ली: उड़ीसा के पुरी में होने वाली इस साल की भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी. कोर्ट ने कहा है कि लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए ऐसा करना जरूरी है. कोर्ट ने रथ यात्रा से जुड़ी सभी गतिविधियों को रोकने का आदेश दिया है.


बीमारी फैलने का अंदेशा


ओडिशा विकास परिषद नाम की संस्था ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि हर साल होने वाली भगवान जगन्नाथ यात्रा में लाखों लोगों की भीड़ जुटती है. पिछले साल 10 लाख से ज्यादा लोग पुरी की सड़कों पर जमा हुए थे. इस साल कोरोना की महामारी फैली है. लेकिन अभी तक ओडिशा सरकार ने रथयात्रा को रोकने के कोई संकेत नहीं दिए हैं. हाई कोर्ट ने भी फैसला राज्य सरकार के ऊपर छोड़ दिया है. इसलिए, सुप्रीम कोर्ट को मामले में दखल देना चाहिए.


‘आज ही देंगे आदेश’


सुप्रीम कोर्ट में मामला चीफ जस्टिस एस ए बोबड़े, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और ए एस बोपन्ना की कोर्ट में सुनवाई के लिए लगा. बेंच की अध्यक्षता कर रहे हैं चीफ जस्टिस ने इसे एक गंभीर मसला बताया. केंद्र की तरफ से कोर्ट में मौजूद सॉलिसिटर जनरल ने सुनवाई कल तक के लिए टालने का अनुरोध किया. उन्होंने कहा कि इस मसले पर सरकार भी विचार करके अपनी बात कोर्ट के सामने रखना चाहती है. इस पर चीफ जस्टिस ने कहा, “रथ यात्रा जैसे-जैसे नजदीक आती जाएगी, इसके बारे में फैसला कठिन हो जाएगा. कल हमारी अदालत नहीं बैठेगी. इसलिए, मसले पर आज ही कोई आदेश दिया जाएगा.“


बिना भीड़ गतिविधियों की मांग भी नामंज़ूर


याचिकाकर्ता की तरफ से पेश वकील वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने इससे सहमति जताते हुए कहा, “यात्रा से जुड़ी गतिविधियां शुरू हो चुकी हैं. करीब 15 दिन तक यह चलती रहेंगी. इस मसले पर कोर्ट की तरफ से तुरंत आदेश दिया जाना जरूरी है.“ इस पर सॉलीसीटर जनरल समेत कुछ वकीलों ने निवेदन किया कि कोर्ट को बिना भीड़ इकट्ठा किए रथ यात्रा से जुड़ी गतिविधियों को चलाने की इजाजत देने पर विचार करना चाहिए.


कोर्ट ने ओडिशा सरकार की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे से जब इस पर टिप्पणी करने के लिए कहा तो उनका जवाब था, “अगर धार्मिक गतिविधियों की अनुमति दी गई तो भीड़ खुद-ब-खुद आ जाएगी. उसे रोक पाना मुश्किल होगा. कोर्ट को इस स्थिति पर विचार करते हुए ही आदेश देना चाहिए.“ इस पर चीफ जस्टिस ने कहा, “हमारा भी अनुभव यही कहता है अगर किसी तरह की गतिविधि की अनुमति दी जाती है तो भीड़ वहां जमा हो ही जाती है.“


‘भगवान जगन्नाथ हमें माफ करेंगे’


इसके बाद चीफ जस्टिस ने रथ यात्रा और उससे जुड़ी गतिविधियों पर रोक का आदेश दे दिया. उन्होंने कहा, “लोगों के स्वास्थ्य और जीवन की रक्षा के लिए यह आदेश देना जरूरी है. ओडिशा सरकार इस साल राज्य में कहीं भी रथयात्रा जैसी गतिविधि की अनुमति न दे. सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने टिप्पणी की, “हम लोगों के जीवन की रक्षा के लिए इस तरह का आदेश दे रहे हैं. भगवान जगन्नाथ हमें इसके लिए माफ कर देंगे."


चीफ जस्टिस ने अंग्रेजी के शब्द ‘जगरनॉट’ का भी इस्तेमाल किया. अत्यंत प्रभावशाली शक्ति के लिए इस्तेमाल होने वाले ‘जगरनॉट’ शब्द के बारे में उन्होंने कहा, “यह शब्द जगन्नाथ से ही निकला है. भगवान जगन्नाथ का काम कभी नहीं रुकता है."


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