नई दिल्ली: हिमाचल प्रदेश के कसौली में कल हुई महिला अधिकारी की हत्या पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है. असिस्टेंट टाउन प्लानर शैल बाला कोर्ट के आदेश के मुताबिक होटलों में हुए अवैध निर्माण हटाने पहुंची थीं. कोर्ट ने घटना पर गहरी नाराजगी जताते हुए कहा, "क्या हमारे आदेश के पालन करवाने वालों की इस तरह हत्या होगी? क्या हम कानून का राज सुनिश्चित करने के लिए आदेश देने बंद कर दें?"
अवैध निर्माण हटाने का आदेश
17 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने कसौली के 14 होटलों में हुए अवैध निर्माण पर कार्रवाई का आदेश दिया था. इस बारे में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश से राहत मांगने पहुंचे होटल मालिकों को कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाई थी. कोर्ट ने कहा था, "आप लोगों ने कुछ पैसे कमाने के लिए दूसरों की जिंदगी खतरे में डाल दी है. जिन्हें 2 मंज़िल बनाने की इजाज़त मिली थी, उन्होंने 6 मंज़िल बना दी. आपको राहत देने का सवाल ही नहीं है."
आज क्या हुआ?
NGT में याचिका दाखिल करने वाले एनजीओ स्पोक (सोसाइटी फ़ॉर प्रिजर्वेशन ऑफ कसौली एंड इट्स एनवायरनमेंट) के वकील ने जस्टिस लोकुर और जस्टिस गुप्ता की बेंच को कल की घटना की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि नारायणी गेस्ट हाउस के मालिक विजय ने सरकारी टीम पर गोली चला दी. घटना में असिस्टेंट टाउन प्लानर की मौत हुई, एक कर्मचारी घायल हो गया.
दोनों जजों ने कहा कि वो इस घटना से वाकिफ हैं. उन्होंने मीडिया में इसकी रिपोर्ट देखी है. जजों ने कहा कि ये बेहद गंभीर मसला है. हम इस पर संज्ञान ले रहे हैं. हिमाचल प्रदेश सरकार मामले पर कोर्ट को रिपोर्ट दे.
जजों ने हिमाचल के वकील के इस बयान को गलत बताया कि गोली चलने से पहले कार्रवाई शांतिपूर्वक चल रही थी. जस्टिस गुप्ता ने कहा- हमने टीवी पर देखा है कि आरोपी सरकारी टीम से किस तरह बहस कर रहा था. क्या पुलिस वहां गोली चलने का इंतज़ार कर रही थी. गोली चलने के बाद भी आरोपी को पुलिस ने नहीं पकड़ा. वो फरार हो गया." बेंच ने राज्य सरकार की इस बात के लिए आलोचना की कि उसने अवैध निर्माण हटाने पहुंची टीम को ज़रूरी सुरक्षा नहीं दी. मामले पर कल सुनवाई होगी.