(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Azam Khan पर दर्ज मुकदमों पर SC की सख्त टिप्पणी- 'एक मामले में बेल मिलते ही दर्ज हो रहा है नया केस'
Azam Khan: इससे पहले 6 मई को हुई सुनवाई में एससी ने आजम खान की जमानत पर इलाहाबाद हाई कोर्ट में 5 महीने से आदेश लंबित होने पर सख्त टिप्पणी की थी. एससी ने इसे न्यायिक प्रक्रिया का मजाक बताया था.
Supreme Court On Azam Khan: समाजवादी पार्टी नेता आज़म खान (Azam Khan) पर यूपी में एक के बाद एक दर्ज हो रहे मुकदमों पर सुप्रीम कोर्ट ने अहम टिप्पणी की है. कोर्ट ने कहा है, "एक मामले में जमानत मिली तो नया केस दर्ज हो गया. किसी पर 1-2 मुकदमे दर्ज हों, तो इसे समझा जा सकता है. लेकिन यहां एक के बाद एक 89 केस दर्ज किए गए हैं. इसके चलते वह व्यक्ति 2 साल से जेल में है." कल आज़म खान को एक मामले में हाई कोर्ट से जमानत मिली थी, लेकिन नया केस दर्ज हो जाने के चलते वह बाहर नहीं आ सके हैं. इसी पर सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी की है.
जस्टिस एल नागेश्वर राव और बी आर गवई की बेंच इस टिप्पणी के बाद यूपी के लिए पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू ने कहा, "यह एक गलत धारणा है. हम इस धारणा को दूर करने के लिए हलफनामा दाखिल करेंगे." सुप्रीम कोर्ट ने इसकी अनुमति देते हुए सुनवाई मंगलवार, 17 मई के लिए स्थगित कर दी है.
कोर्ट पहले भी जता चुका है नाराज़गी
इससे पहले 6 मई को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने आज़म खान की जमानत पर इलाहाबाद हाई कोर्ट में 5 महीने से आदेश लंबित होने पर सख्त टिप्पणी की थी. सुप्रीम कोर्ट ने इसे न्यायिक प्रक्रिया का मज़ाक बताया था.
जस्टिस एल नागेश्वर राव और बी आई गवई की बेंच ने कहा था, "आदेश सुरक्षित रखने का क्या मतलब है? 137 दिन से आदेश नहीं आया. यह न्यायिक प्रक्रिया का मज़ाक है. आरोपी को 86 मामलों में जमानत मिल चुकी है. 1 मामला रुका है. हम इससे ज़्यादा अभी कुछ कहना नहीं चाहते." जजों ने सुनवाई बुधवार, 11 मई के लिए टालते हुए कहा था "हम हाई कोर्ट के आदेश की प्रतीक्षा करना चाहते हैं. ज़रूरी हुआ तो आदेश देंगे."
क्या है मामला?
जेल में रहते हुए यूपी के रामपुर से विधायक चुने गए आजम खान फरवरी, 2020 से जेल में बंद है. उनके ऊपर लगभग 90 आपराधिक केस है. यह केस यूपी पुलिस के अलावा केंद्रीय एजेंसियों ने भी दर्ज किए हैं. उनकी याचिका में बताया गया था कि 86 मामलों में उन्हें जमानत मिल गई है. लेकिन हाई कोर्ट ने पिछले साल दिसंबर से एक मामले में जमानत पर आदेश सुरक्षित रखा हुआ है. कई बार आवेदन देने के बावजूद आदेश नहीं दिया गया है.
जमानत के बाद भी नहीं मिली राहत
मंगलवार को हाई कोर्ट ने ज़मानत के लिए बचे आखिरी मामले में भी आज़म को अर्ज़ी स्वीकार कर ली. यह मामला 'शत्रु संपत्ति' पर अवैध कब्जे का था. लेकिन इससे पहले ही एक नए मामले का वारंट सीतापुर जेल पहुंच गया. यह मामला फ़र्ज़ी दस्तावेजों के ज़रिए 3 स्कूलों को मान्यता दिलवाने से जुड़ा है. इसके चलते अब इस मामले में भी ज़मानत लेना आज़म के लिए ज़रूरी हो गया है. आज इसकी जानकारी मिलने पर सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार की मंशा पर सवाल उठाए.
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