Supreme Court on lawyers strike: सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के सभी जिला बार एसोसिएशनों को निर्देश दिया है कि वह हड़ताल पर जाने या काम से अनुपस्थित रहने का कोई प्रस्ताव पास न करें. सुप्रीम कोर्ट ने इस निर्देश पर अमल सुनिश्चित करने के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट के 3 जजों की कमेटी बनाने का भी आदेश दिया है. यह कमेटी हड़ताल करने वाले बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करेगी.
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्य कांत और उज्ज्वल भुइयां की बेंच ने कहा है कि इस तरह के मामलों में उदार और नर्म रवैया अस्वीकार्य है. अगर कोर्ट के कामकाज के दिनों में कोई ज़िला बार एसोसिएशन हड़ताल पर जाने की घोषणा करता है, तो हाई कोर्ट मामले पर स्वतः संज्ञान ले. बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों को पद से हटाने और दूसरी कानून सम्मत कार्रवाई पर विचार करे.
फैज़ाबाद बार एसोसिएशन से जुड़ा है मामला
सुप्रीम कोर्ट ने जिस मामले में यह आदेश दिया है, वह अयोध्या के फैज़ाबाद बार एसोसिएशन से जुड़ा है. बार एसोसिएशन की लगातार हड़ताल को देखते हुए हाई कोर्ट ने उसे हटा कर 5 सदस्यीय एल्डर्स कमेटी को काम सौंप दिया था. इसके खिलाफ बार एसोसिएशन सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था. इस सुनवाई के दौरान यह जानकारी सामने आई कि नवंबर 2023 से अप्रैल 2024 के बीच कुल 134 कार्य दिवस में से 66 दिन फैज़ाबाद कोर्ट के वकील अदालती कार्य से अलग रहे.
'न्यायिक व्यवस्था को पंगु बना देती हैं हड़तालें'
सितंबर में इस मामले को सुनते हुए जस्टिस कांत ने कहा था, "यह काफी गंभीर मसला है. लोग गांवों से और दूरदराज के इलाकों से सुनवाई के लिए न्यायालय में आते हैं, लेकिन इस तरह की हड़तालें न्यायिक व्यवस्था को पंगु बना देती हैं." शुक्रवार को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट को जानकारी दी गई कि एल्डर्स कमेटी ने फैज़ाबाद बार एसोसिएशन में नया चुनाव आयोजित करवा दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कमेटी की सराहना करते हुए कहा कि वह आगे के लिए हाई कोर्ट से निर्देश ले.