Supreme Court: दिल्ली की निर्भया जैसी ही यातना झेलने वाली एक और बेटी के परिवार को आखिरकार कल सुबह इंसाफ मिलेगा, जब कोर्ट घटना को अंजाम देने वाले तीन दरिंदों की सजा का एलान करेगा. दिल्ली के छावला इलाके में रहने वाली 19 साल की युवती का अपहरण कर उसके साथ दरिंदों ने गैंग रेप करने के बाद क्रूरता और हैवानियत की हद पार करते हुए उसकी निर्मम हत्या कर दी थी. तीनों दरिंदों को फांसी की सजा देने की मांग की गई है. दिल्ली हाई कोर्ट ने पहले ही इस मामले में आरोपियों की फांसी की सजा पर मुहर लगा दी है. अब कल सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सबकी नजरें टिकी रहेंगी.


सोमवार की सुबह चीफ जस्टिस यूयू ललित की पीठ इस मामले में सजा का फैसला करेगी. निचली अदालत और हाई कोर्ट में मुकदमे के दौरान लड़की को 'अनामिका' कहा गया था. दोनों ही अदालतों ने दोषियों को मौत की सज़ा देने का आदेश दिया था. 


सुप्रीम कोर्ट ने सात नवंबर के लिए फैसला सुरक्षित रखा था 


चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया  यूयू ललित, एस रविन्द्र भाट और बेला एम त्रिवेदी की बेंच सोमवार की सुबह दोषियों की तरफ से की गई अपील पर अपना फैसला सुनाएगी. इस मामले में सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार की तरफ से एडिशनल सॉलिसीटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने फांसी की सज़ा की पुष्टि की मांग की है. उन्होंने कहा है कि पीड़िता के साथ अकल्पनीय दरिंदगी हुई है. इस तरह के शैतानों के चलते ही परिवारों को अपनी लड़कियों के बाहर जा कर पढ़ाई करने या काम करने पर रोक लगानी पड़ती है. दिल्ली की अंतरिम अदालत ने आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई थी जिसपर हाई कोर्ट ने मुहर लगा दी थी, अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले की बारी है.


दिल दहला देने वाला जुर्म 


मूल रूप से उत्तराखंड की 'अनामिका' दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के छावला के कुतुब विहार में रहती थी. 9 फरवरी 2012 की रात को वह अपने काम से वापस घर लौट रही थी. उसी समय राहुल, रवि और विनोद ने लाल इंडिका गाड़ी में बैठाकर ले गए थे. अपहरण के तीन दिन बाद उसकी लाश बहुत ही बुरी हालत में हरियाणा के रिवाड़ी के एक खेत में मिली थी. तीनों ने उसके साथ बलात्कार किया और उसके बाद उसे असहनीय यातनाएं दी गई थी. उसे कार में इस्तेमाल होने वाले औजारों से पीटा गया था, उसके ऊपर मिट्टी के बर्तन फोड़े गए थे, उसके शरीर को सिगरेट से दागा गया था. उसके स्तनों को भी गर्म लोहे से दागा गया था, निजी अंग में औजार और शराब की बोतल डाली गई थी और उसके चेहरे को तेजाब से जलाया गया था. 


तीनों दरिंदों के खिलाफ मिले सबूत, तीनों ने अपराध कुबूला


अनामिका के अपहरण के समय के चश्मदीदों के बयान के आधार पर पुलिस ने लाल इंडिका गाड़ी की तलाश की. कुछ दिनों बाद उसी गाड़ी में घूमता राहुल पुलिस के हाथ लगा था और पूछताछ में उसने अपना गुनाह कबूल किया था. उसने अपने दोनों साथियों रवि और विनोद के बारे में भी जानकारी दी थी. तीनों की निशानदेही पर ही पीड़िता की लाश बरामद हुई थी. डीएनए रिपोर्ट और दूसरे तमाम सबूतों से निचली अदालत में तीनों के खिलाफ आरोप निर्विवाद तरीके से साबित हुए थे. साल 2014 में पहले निचली अदालत ने मामले को 'दुर्लभतम' अपराध की श्रेणी का मानते हुए तीनों को फांसी की सज़ा दी. बाद में दिल्ली हाई कोर्ट ने भी इस फैसले को बरकरार रखा था.


आरोपियों के वकील ने याचिका की थी दायर


मामले में एमिकस क्यूरी बनाई गई और वरिष्ठ वकील सोनिया माथुर ने जजों से अनुरोध किया था कि वह इन दोषियों में सुधार आने की संभावना पर विचार करे. उन्होंने कहा था कि दोषियों में से एक 'विनोद' बौद्धिक अक्षमता से पीड़ित है. वह ठीक ढंग से सोच-विचार नहीं कर पाता. वहीं, वरिष्ठ वकील ने कोर्ट से दोषियों के प्रति सहानुभूति भरा रवैया अपनाने का आग्रह किया था.


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