FIFA Ban Hearing in Supreme Court: भारत में अंडर-17 महिला विश्व कप फुटबॉल के आयोजन को सुनिश्चित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा कदम उठाया है. कोर्ट ने आज एसोसिएशन का कामकाज संभालने के लिए अपनी तरफ से नियुक्त प्रशासक कमिटी का काम पूरा हो जाने की बात कही और यह ज़िम्मा एसोसिएशन के महासचिव को दिया.
अन्तर्राष्ट्रीय फुटबॉल महासंघ (FIFA) ने प्रशासक कमिटी की नियुक्ति को बाहरी दखल बताते हुए AIFF की सदस्यता निलंबित कर दी है. इससे भारत में अंडर 17 महिला विश्वकप का आयोजन मुश्किल में पड़ गया है. सरकार ने फीफा से बात करने के बाद कोर्ट से अनुरोध किया था कि प्रशासक कमिटी को हटा कर जल्द से जल्द चुनाव करवाया जाए. इससे AIFF का निलंबन रद्द हो जाएगा.
चुनाव का आदेश
कोर्ट ने फुटबॉल संघ में जल्द चुनाव को जरूरी बताया. कोर्ट ने साफ किया कि यह चुनाव पुराने संविधान के मुताबिक ही होगा. सभी पक्षों के अनुरोध पर कोर्ट ने 28 अगस्त को होने वाले चुनाव को 1 हफ्ते के लिए आगे बढ़ा दिया है. कोर्ट ने कहा कि AIFF की एग्जीक्यूटिव काउंसिल में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, कोषाध्यक्ष आदि को मिलाकर कुल 23 सदस्य होंगे. इनमें से 17 सदस्यों का निर्वाचन होगा, जबकि 6 प्रतिष्ठित खिलाड़ियों को भी इस काउंसिल में शामिल किया जाएगा. चुनाव का आयोजन करवाने के लिए प्रशासक कमिटी की तरफ से पहले नियुक्त किए गए दो चुनाव अधिकारियों को सुप्रीम कोर्ट ने अपना काम जारी रखने के लिए कहा है.
भ्रष्टाचार पर भी होगी कार्रवाई
केंद्रीय खेल मंत्रालय की तरफ से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि फुटबॉल एसोसिएशन के फॉरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट में भ्रष्टाचार को लेकर कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं. उन पर कार्रवाई की जरूरत है. याचिकाकर्ता राहुल मेहरा ने कहा कि भारत के फुटबॉल संघ की मान्यता रद्द करवाने में एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल का हाथ है. उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जानी चाहिए. कोर्ट ने माना कि यह बातें गंभीर हैं. जजों ने इस पर बाद में विचार करने की बात कही.
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