नई दिल्ली: राफेल डील पर केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट में बड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने राफेल डील पर सरकार की आपत्तियां खारिज कर दी हैं. सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की बेंच ने कहा कि जो कागज़ात अदालत में पेश किए गए वो मान्य हैं. सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की आपत्तियां खारिज करते हुए कहा कि लीक हुए दस्तावेज मान्य हैं और उसकी जांच की जाएगी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राफेल से जुड़े जो कागजात आए हैं, वो सुनवाई का हिस्सा होंगे.
देश को गुमराह कर रही है केंद्र सरकार- याचिकाकर्ता अरुण शोरी
दरअसल, केंद्र सरकार ने राफेल डील को लेकर अखबार में छपी रिपोर्ट्स पर आपत्ति जताई थी और कहा था कि वो चोरी हुए दस्तावेज हैं और उसपर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई नहीं करे. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने आज दस्तावेज़ों को लेकर सरकार की इन आपत्तियां को खारिज कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट के ताजा आदेश के बाद इस मामले के याचिकाकर्ता अरुण शोरी ने कहा कि राफेल पर सरकार देश को गुमराह कर रही है.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मोदी सरकार पर हमलावर हुई कांग्रेस
सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद कांग्रेस मोदी सरकार पर हमलावर हो गई है. कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणजीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया है, ''सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर सम्मानित कानूनी सिद्धांत को बरकरार रखा है. मोदीजी ने राफेल पर अपने भ्रष्टाचार को उजागर करने के लिए स्वतंत्र पत्रकारों के खिलाफ आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम लागू करने की धमकी दी थी. मोदीजी चिंता मत करो, अब जांच होने वाली है. चाहे आप इसे पसंद करें या नहीं.''
मायावती ने मांगा रक्षा मंत्री का इस्तीफा
वहीं, बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा है, ''राष्ट्रीय सुरक्षा की आड़ में राफेल रक्षा सौदे में भारी गड़बड़ी/भ्रष्टाचार को छिपाने की मोदी सरकार की कोशिश विफल. सुप्रीम कोर्ट में बीजेपी सरकार पूरी तरह घिरी. संसद के भीतर व बाहर बार-बार झूठ बोलकर देश को गुमराह करने के लिए मोदी माफी मांगे और रक्षा मंत्री इस्तीफा दें.''
केजरीवाल ने साधा पीएम मोदी पर निशाना
वहीं, आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी पीएम मोदी पर सवाल उठाए हैं. केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा है, ''मोदी जी हर जगह कह रहे थे कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट से राफ़ेल में क्लीन चिट मिली है. आज के सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले से साबित हो गया कि मोदी जी ने राफ़ेल में चोरी की है, देश की सेना से धोखा किया है और अपना जुर्म छिपाने के लिए सुप्रीम कोर्ट को गुमराह किया.''
क्या है पूरा मामला?
दरअसल केंद्र सरकार ने अवैध तरीके से हासिल गोपनीय दस्तावेजों के आधार पर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका का विरोध किया था. दस्तावेजों पर सार्वजनिक चर्चा को सरकार के विशेषाधिकार और राष्ट्रीय सुरक्षा के खिलाफ बताया था.
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