Supreme Court To Hear CAA PILs: सुप्रीम कोर्ट विवादास्पद नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Law) को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आज (31 अक्टूबर) सुनवाई करेगा. इस मामले में चीफ जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस रविंद्र भट के नेतृत्व वाली बेंच सुनवाई करेगी. सीएए के मुद्दे पर 232 याचिकाएं दायर की गईं थीं, जिसमें ज्यादातर जनहित याचिकाएं हैं उन्हें सूचीबद्ध किया गया है. 


इससे पहले बीते 12 सितंबर को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को सैकड़ों याचिकाओं की छंटनी करने और जवाब दाखिल करने के लिए चार हफ्ते का समय दिया था. CJI ललित की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा था कि CAA को चुनौती देने वाली याचिकाओं को तीन-न्यायाधीशों की पीठ को भेजा जाएगा. 


संशोधन की हुई थी कड़ी आलोचना 


2019 में संशोधित सीएए कानून पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से हिंदू, सिख, बौद्ध, ईसाई, जैन और पारसी समुदाय के गैर-मुस्लिम प्रवासियों को भारतीय नागरिकता देने का प्रयास करता है, जो 2014 तक देश में आए हैं. मुस्लिमों के बहिष्कार को लेकर विपक्षी दलों, नेताओं और अन्य संस्थाओं द्वारा कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा है. इस मुद्दे पर मुख्य याचिका इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने दायर की थी.


देशभर में हुए कई विरोध प्रदर्शन 


CAA को लेकर देशभर में कई विरोध भी प्रदर्शन हुए. प्रदर्शनकारियों ने संशोधन को विभाजनकारी और भारतीय बहुलवाद के खिलाफ बताया. जनवरी 2020 में कोर्ट ने स्पष्ट किया कि वह केंद्र की दलीलों को सुने बिना नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के संचालन पर रोक नहीं लगाएगी. सीएए को चुनौती देने वाली याचिकाओं के एक बैच पर केंद्र सरकार से चार सप्ताह में जवाब मांगते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने देश के हाईकोर्ट को इस मुद्दे पर लंबित याचिकाओं के साथ कार्रवाई से रोक दिया था. 


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