नई दिल्ली: विदेश में बसे दूल्हों से धोखा खाई लड़कियों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट जुलाई में सुनवाई करेगा. याचिका में कहा गया है कि ऐसे मामलों पर स्पष्ट नियम न होने के चलते NRI दूल्हे भारत में कानूनी कार्रवाई से बचते रहते हैं. आज कोर्ट ने मसले पर NGO प्रवासी लीगल सेल और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी के आवेदन भी सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिए.


विदेश में बसे दूल्हों से धोखा खाई 8 लड़कियों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. इन लड़कियों की मांग है कि विदेशी दूल्हे और उसके परिवार के हाथों लड़कियों को धोखे से बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट दिशा निर्देश जारी करे. इन दूल्हों और उसके परिवार के लोगों को गिरफ्तार करने के लिए कानून में विशेष व्यवस्था की जाए. कोर्ट ने नवंबर 2018 में सरकार से इन मांगों पर जवाब मांगा था.


आज याचिकाकर्ताओं के लिए पेश वरिष्ठ वकील कोलिन गोंजाल्विस ने कोर्ट को बताया कि मामले सभी कागज़ी औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं. अब इस पर विस्तृत सुनवाई होनी है. इस पर चीफ जस्टिस एस ए बोबड़े की अध्यक्षता वाली 3 जजों की बेंच ने याचिका को जुलाई में सुनवाई के लिए लगाने का निर्देश दिया.


याचिका के मुताबिक भारत में विदेश में रह रहे पतियों से धोखा खाने वाली 40 हज़ार से ज़्यादा लड़कियां हैं. किसी का पति शादी के बाद कुछ दिन साथ रहने के बाद विदेश भाग गया तो कोई पत्नी को कुछ दिन अपने साथ विदेश में रखने के बाद वापस छोड़ गया. लड़कियों से विदेश बुलाने के नाम पर पैसे ठगे गए. उनको या उनके बच्चों को अपनाने से मना किया गया. ऐसी तमाम लड़कियां भारत में पुलिस और कोर्ट के चक्कर काट रही हैं. उनके पति विदेश में आराम से बैठे हैं. भारत मे रह रहे पति के परिवारवाले कागज़ पर उसे संपत्ति से बेदखल कर कानूनी कार्रवाई से बच रहे हैं.


याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट को बताया है कि इस तरह के ज़्यादातर मामलों में सिर्फ दहेज उत्पीड़न का केस दर्ज होता है. 2014 में आए 'अरनेश कुमार बनाम बिहार' मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के चलते पुलिस दूल्हे और उसके परिवार के लोगों को तुरंत गिरफ्तार नहीं करती. पीड़ित लड़कियों ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि ऐसे मामलोंं मे सिर्फ दहेज उत्पीड़न नहीं, बल्कि दूसरी धाराओं में भी मुकदमा दर्ज होना चाहिए. विदेश में भागे दूल्हों को ईमेल या व्हाट्सऐप के ज़रिए तुरंत समन भेजा जाना चाहिए. उन्हें दूतावास और विदेशी सरकार की मदद से भारत वापस लाने की भी व्यवस्था हो.


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