नई दिल्ली: मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति कॉलेजियम सिस्टम से करने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट 4 हफ्ते बाद सुनवाई करेगा. पिछले साल कोर्ट ने इस मसले को 5 जजों की संविधान पीठ को सौंपा था. याचिका में चुनाव आयुक्तों का चयन पीएम, CJI और लोकसभा में विपक्ष के नेता की समिति से करवाने को आयोग की निष्पक्षता के लिहाज से अहम बताया गया है. चुनाव आयोग को चुनाव से जुड़े नियम तय करने का अधिकार देने की भी मांग की गई है.


सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई थी कि मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति कॉलेजियम सिस्टम से की जाए. जिससे आयोग निष्पक्षता से फैसला कर सके. इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 4 हफ्तों के बाद सुनवाई करने जा रहा है. आपको बता दें साल 2018 में कोर्ट ने इस मामले को 5 जजों की संविधान पीठ को सौंपा था. साथ ही याचिका में चुनाव आयोग को चुनाव से जुड़े नियम तय करने का अधिकार देने की भी मांग की गई है.


क्या है कॉलेजियम सिस्टम-


सुप्रीम कोर्ट में जजों और वकीलों के नाम की सिफारिश केंद्र सरकार करती है. जिस प्रोसेस से सुप्रीम कोर्ट में नियुक्तियां की जाती हैं उसे कॉलेजियम सिस्टम कहा जाता है. आपको बता दें कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम में किसी महिला जज को जगह मिली है.चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के रिटायर होने के बाद जस्टिस आर भानुमति को कॉलेजियम में शामिल किया गया है. 17 नवंबर को जस्टिस रंजन गोगोई के कार्यकाल का आखिरी दिन था.


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