निर्भया गैंगरेप: दोषी पवन के नाबालिग होने के दावे वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज
हाई कोर्ट के समक्ष दायर याचिका में उसने दावा किया था कि उसके स्कूल प्रमाण-पत्र में उसकी जन्मतिथि आठ अक्टूबर 1996 है. पवन ने इससे पहले निचली अदालत में भी अपने नाबालिग होने के दावे संबंधी याचिका दायर की थी जिसे खारिज कर दिया गया था.
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट निर्भया गैंगरेप और हत्या के मामले में फांसी की सजा पाए दोषी पवन गुप्ता के नाबालिग होने के दावे वाली याचिका पर आज सुनवाई करेगा. इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने पवन के नाबालिग होने के दावे को खारिज कर दिया था. हाई कोर्ट के इसी फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है.
दोषी पवन का दावा- अपराध के मैं नाबालिग था
वकील एपी सिंह के जरिए दायर अपनी याचिका में पवन ने दावा किया कि 16 दिसंबर, 2012 को हुए अपराध के दौरान वह नाबालिग था. पवन कुमार गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष मामले में मृत्युदंड के खिलाफ अपनी पुनर्विचार याचिका में नाबालिग होने का दावा किया था. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल नौ जुलाई को भी उसकी याचिका खारिज कर दी थी.
हाई कोर्ट के समक्ष दायर याचिका में उसने दावा किया था कि उसके स्कूल प्रमाण-पत्र में उसकी जन्मतिथि आठ अक्टूबर 1996 है. पवन ने इससे पहले निचली अदालत में भी अपने नाबालिग होने के दावे संबंधी याचिका दायर की थी जिसे पिछले साल 21 दिसंबर को खारिज कर दिया गया था. न्यायमूर्ति आर भानुमति, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ पवन कुमार गुप्ता की याचिका पर सुनवाई करेगी.
1 फरवरी को दी जाएगी चारों दोषियों को फांसी
इसके साथ ही उसने अधिकारियों को फांसी की सजा पर अमल रोकने का निर्देश देने की भी अपील है. दोषियों को फांसी देने के लिये एक फरवरी की तारीख तय की गई है. उसने हाई कोर्ट के 19 दिसंबर के आदेश को चुनौती दी है जिसमें गुप्ता के वकील को फर्जी दस्तावेज दायर करने और अदालत में पेश नहीं होने के लिए फटकार भी लगाई गई थी.
तीन दोषियों ने अबतक नहीं भेजी राष्ट्रपति को दया याचिका
दिल्ली की एक अदालत ने मामले के चार दोषियों विनय शर्मा (26), मुकेश कुमार (32), अक्षय कुमार (31) और पवन (25) के खिलाफ एक फरवरी के लिए शुक्रवार को फिर से मृत्यु वारंट जारी किए. इससे पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मुकेश की दया याचिका खारिज कर दी. अन्य तीन दोषियों ने दया याचिका दायर करने के संवैधानिक उपाय का फिलहाल इस्तेमाल नहीं किया है.
सुप्रीम कोर्ट ने 14 जनवरी को विनय और मुकेश की सुधारात्मक याचिकाएं खारिज कर दी थी. दो अन्य दोषियों अक्षय और पवन ने शीर्ष अदालत में अब तक सुधारात्मक याचिकाएं दायर नहीं की है.
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