नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट 'टिक टॉक' एप पर प्रतिबंध लगाने का केन्द्र को निर्देश देने संबंधी मद्रास हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ याचिका पर 15 अप्रैल को सुनवाई करने के लिए मंगलवार को राजी हो गया. अदालत ने इस एप के जरिए पोर्नोग्राफिक सामग्री तक पहुंच को लेकर व्याप्त चिंताओं के मद्देनजर यह निर्देश दिया है.


चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ चीनी कंपनी बाइटडांस की याचिका पर सुनवाई के लिए राजी हो गई. इस कंपनी ने कहा है कि इस एप को एक अरब से ज्यादा बार डाउनलोड किया जा चुका है और हाईकोर्ट की मदुरै पीठ ने एकतरफा आदेश दे दिया है.


हाईकोर्ट की मदुरै पीठ ने तीन अप्रैल को केंद्र को निर्देश दिया था कि मोबाइल एप्पलीकेशन 'टिक टॉक' पर प्रतिबंध लगाए. उसने ऐसे एप्स के जरिए 'पोर्नोग्राफिक और अनुचित सामग्री' उपलब्ध कराए जाने पर चिंता जताई थी. हाईकोर्ट ने मीडिया को टिक टॉक के साथ बनाये गये वीडियो क्लिप्स का प्रसारण नहीं करने का निर्देश भी दिया है. इस एप के जरिए उपभोक्ता छोटे वीडियो बना सकते हैं और उसे साझा कर सकते हैं.


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