राफेल डील पर SC में दाखिल याचिकाओं पर 6 मार्च को सुनवाई संभव
दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने राफेल सौदे पर सुनवाई के बाद 14 दिसंबर को केंद्र की मोदी सरकार को क्लीन चिट देते हुए विमान सौदे के खिलाफ दायर जांच संबंधी सभी याचिकाओं को खारिज किया था.
![राफेल डील पर SC में दाखिल याचिकाओं पर 6 मार्च को सुनवाई संभव Supreme Court to hear on March 6 petitions seeking review of its December 14 judgement on Rafale राफेल डील पर SC में दाखिल याचिकाओं पर 6 मार्च को सुनवाई संभव](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2019/03/02232147/SC-NEW.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
नई दिल्लीः राफेल डील को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका पर मंगलवार यानी 6 मार्च को सुनवाई हो सकती है जिसमें फैसले पर संशोधन की मांग की गई है. इसके अलावा पुनर्विचार याचिकाओं पर भी सुप्रीम कोर्ट के 6 मार्च को सुनवाई करने की संभावना है. पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी और वकील प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट में 2 पुनर्विचार याचिकाएं दाखिल की हुई हैं.
Supreme Court to hear on March 6 petitions seeking review of its December 14 judgement on #Rafale fighter jet deal, in which it had refused to order a probe into the deal of procuring 36 Rafale jets from France. pic.twitter.com/NrdhmEzcNR
— ANI (@ANI) March 2, 2019
दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने राफेल सौदे पर सुनवाई के बाद 14 दिसंबर को केंद्र की मोदी सरकार को क्लीन चिट देते हुए विमान सौदे के खिलाफ दायर जांच संबंधी सभी याचिकाओं को खारिज किया था.
क्या है राफेल सौदा विवाद भारत और फ्रांस के बीच 2016 में राफेल विमानों का सौदा हुआ था जिसको लेकर लगातार सरकार पर सवाल उठाए जाते रहे हैं कि सरकार ने ज्यादा कीमत देकर राफेल विमानों का सौदा किया. इसके तहत एचएएल को कॉन्ट्रेक्ट न दिलाकर अनिल अंबानी की रिलायंस डिफेंस को इन विमानों का ठेका दिलाया. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी लगातार आरोप लगाते रहे हैं कि मोदी सरकार ने 30,000 करोड़ रुपये अपने मित्र अनिल अंबानी को दिलाए.
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एसके कौल और जस्टिस केएम जोसेफ की बेंच ने इस मामले में दायर याचिकाओं पर 14 नवंबर को सुनवाई पूरी करने के बाद सुनाए अपने फैसले में कहा था कि राफेल सौदे में फैसला लेने की प्रक्रिया पर शक करने का कोई कारण साफ नहीं हो सका है. कोर्ट ने साफ कहा कि राफेल फाइटर जेट की कीमत के बारे में फैसला लेना शीर्ष अदालत का कार्य नहीं है.
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