Supreme Court Hearing On Article 370: जम्मू-कश्मीर में संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर मंगलवार (11 जुलाई) को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. केंद्र ने पांच मई 2019 को पूर्ववर्ती राज्य जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा निरस्त कर दिया था और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर और लद्दाख के रूप में विभाजित कर दिया था.


मंगलवार को प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ सुनवाई करेगी. सुनवाई से एक दिन पहले (10 जुलाई को) केंद्र ने संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने का बचाव करते हुए एक हलफनामा दायर किया. 


केंद्र ने हलफनामे में क्या कुछ कहा?


केंद्र ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने का कदम उठाए जाने के बाद जम्मू कश्मीर के पूरे क्षेत्र में ‘अभूतपूर्व’ शांति, प्रगति और समृद्धि देखने को मिली है. केंद्र ने कहा कि आतंकवादियों की ओर से की जाने वाली हिंसा और अलगाववादी नेटवर्क अब ‘अतीत की बात’ हो चुकी है. 


क्षेत्र की विशिष्ट सुरक्षा स्थिति का संदर्भ देते हुए केंद्र ने कहा कि आतंकवादी-अलगाववादी एजेंडा से जुड़ी सुनियोजित पथराव की घटनाएं वर्ष 2018 में 1,767 थीं, जो घटकर 2023 में आज की तारीख में शून्य हो गई हैं और सुरक्षाकर्मियों के हताहत होने के मामलों में 2018 की तुलना में 2022 में 65.9 प्रतिशत की कमी आई है. केंद्र ने दलील दी कि ऐतिहासिक संवैधानिक कदम क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति, सुरक्षा और स्थिरता लेकर आया है, जो अनुच्छेद 370 के लागू रहने के दौरान नहीं था.


जम्मू-कश्मीर में पर्यटकों की संख्या में हुआ इजाफा- केंद्र


हलफनामे में कहा गया है, ‘‘जी20 पर्यटन कार्य समूह की मई 2023 में श्रीनगर में हुई बैठक घाटी में पर्यटन का एक ऐतिहासिक अवसर था और देश ने गर्व से विश्व को अपना यह दृढ़ संकल्प प्रदर्शित किया कि अलगावादी क्षेत्र को एक ऐसे इलाके में तब्दील किया जा सकता है, जहां अंतरराष्ट्रीय गणमान्य अतिथियों को बुलाया जा सकता है और वैश्विक कार्यक्रम आयोजित किए जा सकते हैं.’’


इसमें कहा गया, ‘‘बेहतर सुरक्षा परिदृश्य में, केंद्र शासित प्रदेश में एक जनवरी 2022 से 31 दिसंबर 2022 तक 1.88 करोड़ पर्यटक आए, जो अब तक की सर्वाधिक संख्या है.’’


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