सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (21 नवंबर, 2024) को कहा कि वह सिख समुदाय के सदस्यों पर चुटकुले प्रदर्शित करने और उनकी खराब छवि पेश करने से जुड़ीं वेबसाइट पर प्रतिबंध लगाने का आग्रह करने वाली याचिका पर आठ हफ्ते बाद सुनवाई करेगा. जस्टिस भूषण रामाकृष्ण गवई और जस्टिस के वी विश्वनाथन की पीठ ने कहा, 'यह एक महत्वपूर्ण मामला है.' याचिका में सुख समुदाय की महिलाओं के पहनावे पर मजाक बनाने का मुद्दा उठाया और कोर्ट में उस पर प्रकाश डाला.


याचिकाकर्ता हरविंदर चौधरी ने पीठ को सूचित किया कि वह अपने सुझावों के साथ-साथ मामले में अन्य पक्षों के सुझावों को समेकित करेंगी और एक संक्षिप्त संकलन दाखिल करेंगी. पीठ ने उन्हें आठ सप्ताह का समय दिया और मामले को इसके बाद के लिए सूचीबद्ध कर दिया.


सुनवाई के दौरान, याचिकाकर्ता हरविंदर चौधरी ने सिख समुदाय की उन महिलाओं की शिकायतों पर प्रकाश डाला जिनका उनके पहनावे के लिए उपहास किया गया. इसके अलावा उन्होंने स्कूलों में सिख बच्चों से संबंधित समस्याओं के बारे में भी बताया. पीठ ने कहा, 'आप एक छोटा सा संकलन तैयार करें ताकि इसे पढ़ना आसान हो जाए.'


सुप्रीम कोर्ट अक्टूबर 2015 में याचिका पर सुनवाई करने के लिए सहमत हो गई थी, जिसके बाद इसी तरह की शिकायतें उठाने वाली और याचिकाएं दायर की गईं. याचिकाकर्ता ने पूर्व में सिखों पर चुटकुले प्रदर्शित करने वाली और समुदाय के सदस्यों को खराब छवि में पेश करने वाली 5,000 से अधिक वेबसाइट होने का उल्लेख किया था.


याचिका में कहा गया कि सिखों पर चुटकुले प्रदर्शित करने वाली ऐसी वेबसाइट पर संविधान के तहत प्रदत्त जीवन और सम्मान के साथ जीने के मौलिक अधिकार के उल्लंघन के आरोप में प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए.


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