शाहीन बाग का रास्ता खुलेगा? सुप्रीम कोर्ट में आज दोपहर 11.45 बजे होगी सुनवाई
याचिकाओं में यह मांग की गई है कि कोर्ट दिल्ली पुलिस को शाहीन बाग में सड़क से लोगों को हटाने का आदेश दे. नोएडा को जाने वाला रास्ता खोला जाए.शुक्रवार को जस्टिस संजय किशन कौल और के एम जोसेफ की कोर्ट में सुनवाई हुई थी.वकील अमित साहनी और बीजेपी नेता नंदकिशोर गर्ग ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है.
नई दिल्ली: दिल्ली के शाहीन बाग में लगभग दो महीने से चल रहे प्रदर्शन को लेकर दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा. शुक्रवार को यह याचिकाएं सुनवाई के लिए लगी थीं. तब कोर्ट ने यह कहते हुए सुनवाई टाल दी थी कि चुनाव के बाद ही मामला सुनना उचित रहेगा. वकील अमित साहनी और बीजेपी नेता नंदकिशोर गर्ग ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. सुनवाई सुबह 11.45 बजे होगी.
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाओं में यह मांग की गई है कि कोर्ट दिल्ली पुलिस को शाहीन बाग में सड़क से लोगों को हटाने का आदेश दे. नोएडा को जाने वाला रास्ता खोला जाए. शाहीन बाग में चल रहे प्रदर्शन से पैदा हालात की निगरानी दिल्ली हाई कोर्ट के कोई जज करें. प्रदर्शन में शामिल होने और वहां भाषण देने वालों पर भी पुलिस नजर बनाए रखे. यह देखा जाए कि कहीं वह देश विरोधी गतिविधियों के लिए लोगों को उकसा तो नहीं रहे हैं. उनका किन संगठनों से संबंध है.
शुक्रवार को सुनवाई दौरान क्या हुआ? शुक्रवार को जस्टिस संजय किशन कौल और के एम जोसेफ की कोर्ट में सुनवाई के दौरान वकील अमित साहनी ने कहा, "लगभग 2 महीने से प्रदर्शन जारी है. कालिंदी कुंज के रास्ते नोएडा को जाने वाली सड़क बंद हैं. लोगों को इससे भारी समस्या हो रही है लेकिन प्रशासन इसे लेकर कोई कदम नहीं उठा रहा है."
इस पर बेंच की अध्यक्षता कर रहे जस्टिस कौल ने कहा, "हम समझ सकते हैं कि लोगों को भारी दिक्कत हो रही है, लेकिन सुनवाई सोमवार को होगी. बीजेपी नेता नंदकिशोर गर्ग की तरफ से पेश वकील शशांक देव सुधि ने कोर्ट से आज ही सुनवाई करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा, "दिल्ली में कल चुनाव है. इसलिए, सुनवाई आज ही होनी चाहिए."
वकील की इस मांग पर दोनों जज मुस्कुरा दिए. जस्टिस कौल ने कहा, "कल चुनाव है इसलिए, तो हम आज सुनवाई नहीं कर रहे हैं. इसकी क्या जरूरत है कि सुनवाई आज ही की जाए? कल का दिन बीत जाने दीजिए. सोमवार को हम भी मामले को समझने के लिए बेहतर स्थिति में होंगे." कोर्ट की इस टिप्पणी से साफ था कि इस मसले पर हो रही राजनीति से जज भी वाकिफ हैं. वह नहीं चाहते कि दिल्ली में हालात बिगड़ें या सुनवाई के दौरान कही गई बातों का कोई राजनीतिक इस्तेमाल हो सके.
सुनवाई के अंत में जजों ने यह भी कहा कि मामले को दिल्ली हाईकोर्ट ही देखे तो बेहतर होगा. इस पर वकील अमित साहनी ने कोर्ट को बताया कि वह पहले हाई कोर्ट जा चुके हैं. हाई कोर्ट ने सड़क से जाम हटाने को लेकर कोई भी स्पष्ट आदेश नहीं दिया था..
इस पर जजों का कहना था, "आपकी मांग है कि हाईकोर्ट के कोई वर्तमान जज शाहीन बाग के हालात पर निगरानी रखें. ऐसे में, मसला अगर हाईकोर्ट ही देखे तो उचित होगा. सोमवार को आप दोनों इस बिंदु पर भी बहस की तैयारी करके आइएगा कि मामले को क्यों ना दिल्ली हाईकोर्ट भेज दिया जाए?"