Maharashtra Politics: महाराष्ट्र के शिंदे-उद्धव विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में विस्तृत सुनवाई की रूपरेखा तैयार होने लगी है. 5 जजों की संविधान पीठ ने दोनों पक्ष के दो वकीलों को साथ मिल कर सभी मुद्दों का संकलन तैयार करने को कहा है. कोर्ट ने यह भी कहा है कि हर पक्ष तय करे कि किस मुद्दे पर कौन जिरह करेगा, ताकि सुनवाई को तेजी से निपटाया जा सके. कोर्ट ने कहा है कि वह 29 नवंबर को विस्तृत सुनवाई की तारीख तय करेगा.
शिवसेना के वरिष्ठ नेता एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में विधायकों की बगावत के बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को इस्तीफा देना पड़ा था. इसके बाद शिंदे के नेतृत्व में नई सरकार का गठन हुआ. इस पूरे घटनाक्रम के दौरान जून और जुलाई के महीने में दाखिल कई याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में लंबित हैं. अगस्त में यह मामला संविधान पीठ को सौंपा गया था. 5 जजों की संविधान पीठ को शिंदे कैंप के 16 विधायकों की अयोग्यता, सरकार बनाने के लिए शिंदे को मिले निमंत्रण, नए स्पीकर के चुनाव जैसे कई मामलों पर उद्धव गुट की तरफ से उठाए गए सवालों पर विचार करना है.
कोर्ट ने क्या कहा?
जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में बैठी 5 जजों की बेंच ने मंगलवार (1 नवंबर) को दोनों पक्षों से एक-एक वकील का नाम बताने को कहा, जो साथ मिल कर सभी याचिकाओं में उठाए गए मुख्य मुद्दों का संकलन तैयार कर सकें. इस पर उद्धव पक्ष ने वकील जावेदुर रहमान और शिंदे पक्ष ने वकील चिराग शाह का नाम संकलन तैयार करने के लिए प्रस्तावित किया. कोर्ट ने दोनों वकीलों से 4 हफ्ते में संकलन जमा करवाने के लिए कहा.
उद्धव गुट को मिला था झटका
बेंच ने उद्धव कैंप के वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और शिंदे गुट के वरिष्ठ वकील नीरज किशन कौल से भी कहा कि वह तय कर लें कि उनकी तरफ से कौन-कौन वकील किन बातों पर पक्ष रखेंगे. इससे पहले 27 सितंबर को इस संविधान पीठ ने शिवसेना के उद्धव ठाकरे कैंप को झटका देते हुए पार्टी के चुनाव चिन्ह को लेकर चुनाव आयोग की कार्रवाई रोकने से मना कर दिया था. उद्धव गुट की मांग की थी कि विधायकों की अयोग्यता पर फैसले से पहले चुनाव आयोग पार्टी सिंबल पर सुनवाई न करे, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे ठुकरा दिया था.
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