सुप्रीम कोर्ट दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग केस में आम आदमी पार्टी (AAP) के पूर्व संचार प्रभारी विजय नायर की जमानत याचिका पर सोमवार (27 अगस्त, 2024) को सुनवाई करेगा.


जस्टिस ऋषिकेश रॉय और जस्टिस एस वी एन भट्टी की बेंच ने विजय नायर की याचिका पर 12 अगस्त को प्रवर्तन निदेशालय (ED) को नोटिस जारी करते हुए इस बात पर गौर किया था कि वह दो साल से हिरासत में हैं.


विजय नायर की ओर से 12 अगस्त को अदालत में पेश हुए सीनियर एडवोकेट- अभिषेक मनु सिंघवी और विक्रम चौधरी ने कहा था कि याचिकाकर्ता को 13 नवंबर, 2022 को गिरफ्तार किया गया था. उन्होंने अपनी डिफॉल्ट जमानत याचिका को खारिज करने वाले अधीनस्थ अदालत के 29 जुलाई के आदेश को चुनौती दी है. इससे पहले, हाईकोर्ट ने पिछले साल तीन जुलाई को धनशोधन मामले में विजय नायर और अन्य सह-आरोपियों को जमानत देने से इनकार कर दिया था.


धनशोधन का यह मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की एक प्राथमिकी से बना है. दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने आबकारी नीति 2021-22 की जांच की सिफारिश की थी, जिसके बाद सीबीआई ने प्राथमिकी दर्ज की थी. इस नीति को बाद में रद्द कर दिया गया था.


सीबीआई ने आरोप लगाया है कि विजय नायर ने हैदराबाद, मुंबई और दिल्ली के विभिन्न होटलों में कुछ अन्य सह-आरोपियों, शराब निर्माताओं और वितरकों से मुलाकात की थी, ताकि हवाला ऑपरेटर के जरिए अवैध धन की व्यवस्था की जा सके, जिसे AAP को रिश्वत के रूप में दिया गया.


यह भी दावा किया गया कि व्यवसायी और सह-आरोपी अभिषेक बोइनपल्ली इन बैठकों का हिस्सा थे और एक अन्य आरोपी शराब व्यवसायी समीर महेंद्रू के साथ धनशोधन की साजिश में शामिल थे. दिल्ली के जोर बाग स्थित शराब वितरक इंडोस्पिरिट ग्रुप के प्रबंध निदेशक महेंद्रू की गिरफ्तारी के बाद ईडी ने दिल्ली और पंजाब में करीब तीन दर्जन ठिकानों पर छापेमारी की थी.


मामले में अन्य आरोपी दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, पूर्व आबकारी आयुक्त अरवा गोपी कृष्ण, आबकारी विभाग के पूर्व उपायुक्त आनंद तिवारी और पूर्व सहायक आयुक्त पंकज भटनागर हैं.


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