नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि राफेल लड़ाकू विमान सौदे पर शीर्ष अदालत के निर्णय पर पुनर्विचार के लिये दायर याचिकाओं और कोर्ट के नाम से की गयी कुछ टिप्पणियों को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ अवमानना याचिका पर एक साथ ही दस मई को सुनवाई की जायेगी.


चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति के एम जोसफ की पीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत के 14 दिसंबर, 2014 के निर्णय पर पुनर्विचार याचिकायें 10 मई को सूचीबद्ध होंगी. पीठ ने इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया कि दोनों मामलों को एक साथ सूचीबद्ध करने के पहले के आदेश के बावजूद पुनर्विचार याचिका और राहुल गांधी के खिलाफ अवमानना याचिका अलग अलग तारीख पर कैसे सूचीबद्ध हैं.


पीठ कहा, ‘‘हम थोड़ा उलझन में हैं कि दो मामले दो अलग-अलग तारीखों पर सूचीबद्ध हैं जबकि इनकी एकसाथ सुनवाई करने का आदेश था.’’ इस मामले में संक्षिप्त सुनवाई के दौरान अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने पीठ से कहा कि वह पुनर्विचार याचिका और चुनिन्दा दस्तावेज पेश करने के लिये दायर आवेदन पर बहस करेंगे.


उन्होंने कहा कि कोर्ट को सह-याचिकाकर्ता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरूण शौरी को राफेल मामले में सुनवाई के दौरान कोर्ट को कथित रूप से गुमराह करने के लिये अज्ञात सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ गलत बयानी के आरोप में मुकदमा चलाने के लिये दायर आवेदन पर बहस करने की अनुमति देनी चाहिए.