Supreme Court On Teesta Setalvad: गुजरात हाई कोर्ट ने गुजरात दंगे से जुड़े झूठे सबूत देने के मामले में शनिवार (1 जुलाई) को सोशल एक्टिविस्ट तीस्ता सीतलवाड़ की नियमित जमानत खारिज कर दी और तुरंत उन्हें सरेंडर करने के लिए कहा. हाई कोर्ट के इस फैसले को चुनौती देने वाली सीतलवाड़ की याचिका पर शनिवार (1 जुलाई) को ही सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है. कुछ देर में फैसला आने की उम्मीद है.


इससे पहले जस्टिस अभय ओका और प्रशांत मिश्रा की बेंच विशेष रूप से इस सुनवाई के लिए बैठी थी. तीस्ता सीतलवाड़ को अंतरिम राहत देने को लेकर दोनों जजों ने अलग-अलग राय व्यक्त की थी.


जस्टिस ओका सीतलवाड़ को राहत देना चाहते थे लेकिन जस्टिस मिश्रा ने असहमति जताई. कोर्ट ने कहा कि अब 3 जजों की बेंच मामले की सुनवाई करेगी. कोर्ट की ओर से कहा गया था कि जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच रात सवा नौ बजे सुनवाई करेगी. बेंच में बाकी दो जज- जस्टिस एएस बोपन्ना और दीपांकर दत्ता होंगे.


तीस्ता सीतलवाड़ की याचिका पर सुनवाई के दौरान क्या बोला SC? 


जजों ने इस बात पर सवाल उठाया कि सुप्रीम कोर्ट ने तीस्ता को अंतरिम जमानत दी थी. हाई कोर्ट ने अब नियमित जमानत से मना किया और शनिवार को आदेश दे दिया कि सरेंडर कर दें. कोर्ट ने पूछा कि क्या अंतरिम जमानत की शर्त का उल्लंघन हुआ? जजों ने कहा कि बेहतर हो कि सोमवार को सुनवाई कर ली जाए और तब तक तीस्ता पर कोई कार्रवाई न हो.


गुजरात सरकार के लिए सॉलिसीटर जनरल पेश हुए. उन्होंने कहा कि 127 पन्ने के आदेश में हाई कोर्ट ने पर्याप्त कारण बताए हैं. इस पर एक जज ने कहा, ''सीतलवाड़ 9 महीने से बेल पर हैं, मंगलवार तक क्या बिगड़ जाएगा?''


सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट से क्या कहा?


सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट से कहा कि उन्हें 5 मिनट बोलने दिया जाए. यह केस सुप्रीम कोर्ट की तरफ से गठित एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर दर्ज हुआ है. उनके (सीतलवाड़) खिलाफ इतने सबूत होने के बावजूद उन्हें हमेशा रियायत दी जाती रही है. इसी के साथ मेहता ने आग्रह किया कि मामले पर रविवार (2 जुलाई) को सुनवाई की जाए. 


तीस्ता सीतलवाड़ की ओर से पेश हुए वकील सीयू सिंह ने भी जल्द सुनवाई के लिए अदालत से आग्रह किया. जज सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की दलीलों से सहमत नहीं हुए और उन्होंने बड़ी बेंच (3 जजों की बेंच) की बात कही.


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