(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Shiv Sena Symbol Row: SC की चौखट पर उद्धव गुट! पार्टी और सिंबल वापस लेने के लिए आज जल्द सुनवाई की लगाएगा गुहार
चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ सोमवार को कोर्ट पहुंचे उद्धव गुट के मामले की आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है. जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली 5 जजों की संविधान पीठ इस मामले को सुनेगी.
Supreme Court: चुनाव आयोग के फैसले के बाद अब उद्धव ठाकरे सुप्रीम कोर्ट की शरण में हैं. शिवसेना, उसका नाम और पार्टी सिंबल एकनाथ शिंदे को दिए जाने के खिलाफ उद्धव ने याचिका दाखिल करके चुनाव आयोग के फैसले को उलटने की मांग की. उद्धव के वकील आज चीफ जस्टिस से इस याचिका पर जल्द सुनवाई का अनुरोध करेंगे.
शिवसेना के उद्धव ठाकरे बनाम एकनाथ शिंदे विवाद से जुड़े मामलों पर सुप्रीम कोर्ट आज से विस्तृत सुनवाई शुरू कर सकता है. साझा की गई जानकारी के मुताबिक जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली 5 जजों की संविधान पीठ को शिंदे कैंप के 16 विधायकों की अयोग्यता, सरकार बनाने के लिए शिंदे को मिले निमंत्रण, नए स्पीकर के चुनाव जैसे कई मामलों पर उद्धव गुट की तरफ से उठाए गए सवालों पर विचार करना है.
आज होगी उद्धव गुट की बैठक
वहीं उद्धव गुट की शिवसेना के महाराष्ट्र मंत्री दीपक केसरकर ने कहा कि निर्वाचन आयोग के आदेश (शिवसेना का नाम और धनुष-बाण शिंदे गुट को आवंटित करने) के बाद आज शाम को शिवसेना की पहली राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होगी. जिसमें कुछ नए पदाधिकारियों को नियुक्त किया जाएगा.
याचिका मे उद्धव गुट ने क्या अपील की?
उद्धव ठाकरे ने अपनी याचिका में कहा है कि याचिका में उठाए गए बिंदुओं से उन मुद्दों पर सीधा असर पड़ता है जिन पर संविधान पीठ विचार कर रही है. याचिका में कहा गया है कि निर्वाचन आयोग ने इस निष्कर्ष पर पहुंचने में गलती की. उनको दसवीं अनुसूची के तहत अयोग्य ठहराने और कार्यवाही, ये दो अलग-अलग मामले हैं और विधायकों की अयोग्यता राजनीतिक दल की सदस्यता समाप्त करने पर आधारित नहीं है.
इसने यह भी कहा कि निर्वाचन आयोग ने इस निष्कर्ष पर पहुंचने में गलती की है कि शिवसेना में विभाजन हुआ था. याचिका में कहा गया है कि राजनीतिक दल में विभाजन हुआ था इसको लेकर कोई दलील और सबूत नहीं होने के चलते आयोग का निष्कर्ष पूरी तरह से गलत है.
याचिका में कहा गया है कि ठाकरे गुट के पास प्रतिनिधि सभा में भारी बहुमत है, जो प्राथमिक सदस्यों और पार्टी के अन्य हितधारकों की इच्छाओं का प्रतिनिधित्व करने वाली शीर्ष संस्था है. याचिका में कहा गया है कि निर्वाचन आयोग ने पक्षपातपूर्ण और अनुचित तरीके से काम किया है.
शिवसेना को लेकर क्या था चुनाव आयोग का फैसला?
निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार (17 फरवरी) को एकनाथ शिंदे के धड़े को असली शिवसेना की मान्यता देते हुए उसे चुनाव निशान तीर-धनुष आवंटित करने का आदेश दिया. पार्टी संगठन पर काबिज होने को लेकर चले लंबे संघर्ष पर 78 पन्नों के अपने फैसले में निर्वाचन आयोग ने उद्धव ठाकरे धड़े को उसे आवंटित किया और चुनाव निशान जलती मशाल को महाराष्ट्र में विधानसभा उप-चुनाव होने तक रखने की अनुमति दी.
राउत ने रविवार को कहा कि 2000 करोड़ रुपये शिवसेना का नाम खरीदने के लिए कोई छोटी रकम नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया कि निर्वाचन आयोग का फैसला एक सौदा है.