शुक्रवार को मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्यों के पास छात्रों की परीक्षाएं रद्द करने का अधिकार है लेकिन बिना परीक्षा के छात्रों को पास नहीं किया जा सकता.
गौरतलब है कि यूजीसी ने 6 जुलाई को विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में यूजी और पीजी पाठ्यक्रमों के अंतिम वर्ष या सेमेस्टर की परीक्षाएं 30 सितंबर तक पूरा करने से संबंधित एक सर्कुलर जारी किया था. छात्रों ने कोरोना वायरस संक्रमण के चलते परीक्षाएं करवाने का विरोध किया था और विभिन्न संस्थानों के 31 छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी.
अपनी याचिका में छात्रों ने आंतरिक मूल्यांकन या पिछले प्रदर्शन के आधार पर रिजल्ट तैयार करने की बात कहते हुए अंतिम वर्ष या सेमेस्टर की परीक्षाओं को रद्द करने की मांग की थी. इस मामले में कोर्ट ने 18 अगस्त को सुनवाई पूरी कर ली थी और फैसला सुरक्षित रखा था.
अपनी याचिका में छात्रों ने आंतरिक मूल्यांकन या पिछले प्रदर्शन के आधार पर रिजल्ट तैयार करने की बात कहते हुए अंतिम वर्ष या सेमेस्टर की परीक्षाओं को रद्द करने की मांग की थी. इस मामले में कोर्ट ने 18 अगस्त को सुनवाई पूरी कर ली थी और फैसला सुरक्षित रखा था.
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