'दीपोत्सव पर करोड़ों खर्च, मदरसों को पैसा नहीं देना चाहते...', मदरसा एक्ट पर सुप्रीम फैसले के बाद साजिद रशीदी का हमला
Madarsa Act: ऑल इंडिया इमाम असोसिएशन के अध्यक्ष मौलाना साजिद रशीदी ने कहा कि हम मदरसे के लिए पैसा नहीं लेना चाहते, लेकिन जब सरकार सरकारी पैसों को दीपोत्सव पर खर्च कर सकते हैं तो मदरसे को क्यों नहीं.
!['दीपोत्सव पर करोड़ों खर्च, मदरसों को पैसा नहीं देना चाहते...', मदरसा एक्ट पर सुप्रीम फैसले के बाद साजिद रशीदी का हमला Supreme Court Upholds Validity Of UP Madarsa Education Act Maulana Sajid Rashidi attack cm yogi adityanath 'दीपोत्सव पर करोड़ों खर्च, मदरसों को पैसा नहीं देना चाहते...', मदरसा एक्ट पर सुप्रीम फैसले के बाद साजिद रशीदी का हमला](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/11/05/4d8753313190f9caa08e2f84b6bf4a0f1730791105801858_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को यूपी मदरसा एक्ट को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को खारिज करते हुए इस एक्ट को मान्यता दी. इस फैसले पर ऑल इंडिया इमाम असोसिएशन के अध्यक्ष मौलाना साजिद रशीदी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने एक तरफ जहां सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया तो दूसरी तरफ प्रदेश की योगी सरकार पर जमकर हमला बोला.
मौलाना साजिद रशीदी ने कहा, "हम सरकार से फंड नहीं लेना चाहते. पर आप मदरसे को पैसा नहीं देना चाहते हो, लेकिन प्राण प्रतिष्ठा पर करोड़ों रुपये खर्च करते हैं, दीपोत्सव पर करोड़ों खर्च करते हो, यह इनके डबल फेस को दिखाता है. इनकी कथनी और करनी में अंतर को दर्शाता है." उन्होंने आगे कहा कि मदरसा कोई डिग्री कोर्स या ऐसा कोर्स नहीं कराता जो सरकारी नौकरी के लिए मान्य हो.
खालिद रशीद फिरंगी ने क्या कहा
लखनऊ की ईदगाह के इमाम और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना खालिद रशीद फिरंगी ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि इस फैसले से मदरसा से जुड़े लोगों में खुशी की लहर है. यूपी मदरसा अधिनियम का मसौदा यूपी सरकार ने ही बनाया था. सरकार की ओर से बनाया गया अधिनियम असंवैधानिक कैसे हो सकता है? हमने पहले भी कहा है कि हम मदरसों में इस्लामी शिक्षा के अलावा आधुनिक शिक्षा भी देते हैं.
क्या था इलाहाबाद हाई कोर्ट का फैसला
हाई कोर्ट ने यूपी सरकार को राज्य के अलग-अलग मदरसों में पढ़ रहे छात्र-छात्राओं को औपचारिक शिक्षा प्रणाली में शामिल करने का निर्देश दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने ‘उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम-2004’ को रद्द करने के हाई कोर्ट के आदेश पर पांच अप्रैल को अंतरिम रोक लगाकर करीब 17 लाख मदरसा छात्रों को राहत दी थी.
राज्य सरकार ने खटखटाया था सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा
इलाहाबाद हाई कोर्ट से निराशा मिलने के बाद यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. इस मामले में कई बार सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को खारिज करते हुए एक्ट में कुछ प्रावधानों को छोड़कर 'उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम 2004' की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा है.
ये भी पढ़ें
साइबेरिया में बन रहे बड़े-बड़े गड्ढों का क्या रहस्य है, पृथ्वी पर कोई आफत आने वाली है?
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)