UPSC Attempt: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को केंद्र सरकार और संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) को उन सिविल सेवा उम्मीदवारों को अतिरिक्त मौका देने का निर्देश देने से इनकार कर दिया, जो अक्टूबर 2020 की परीक्षा में अपना अंतिम प्रयास दे चुके थे या जिनकी उम्र 2020 के बाद अधिक हो गई थी.
हालांकि, न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने उम्मीदवारों को अतिरिक्त प्रयास के लिए संबंधित प्राधिकारी के समक्ष अभ्यावेदन प्रस्तुत करने की स्वतंत्रता दी. पीठ ने आग्रह किया कि अधिकारी कोविड महामारी की स्थिति के आलोक में अतिरिक्त अवसर के लिए याचिका पर नरम रुख अपना सकते हैं.
अतिरिक्त प्रयास की मांग
दरअसल, याचिकाकर्ताओं ने पिछले साल कोरोना महामारी के कारण हुई कठिनाइयों का हवाला देते हुए अतिरिक्त प्रयास की मांग की थी और अदालत का दरवाजा खटखटाया था. पीठ ने उनकी स्थिति पर सहानुभूति जताते हुए कहा कि अदालत अतिरिक्त मौका देने का निर्देश नहीं दे सकती. पीठ ने कहा कि फरवरी 2021 में रचना बनाम यूपीएससी मामले में इसी तरह की एक याचिका खारिज कर दी गई थी.
वहीं पीठ ने आदेश में कहा कि याचिकाकर्ताओं ने हमें यह समझाने का असफल प्रयास किया कि याचिकाकर्ता रचना के फैसले से आच्छादित नहीं हैं. उनके अनुसार ऐसी स्थिति मजबूरन पैदा हो गई थी और यह खुद की इच्छा से गैर-उपस्थिति का मामला नहीं था. हालांकि जो हालात बने हैं उनके लिए हमारी सहानुभूति हो सकती है, लेकिन उठाए गए मुद्दों को रचना के केस में शामिल किया गया है.
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