Brij Bihari Prasad Murder Case: बिहार का चर्चित बृजबिहारी प्रसाद हत्या मामला में बाहुबली नेता मुन्ना शुक्ला और उनके सहयोगी मंटू तिवारी को उम्रकैद की सजा मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने ने दोनों को 15 दिन में सरेंडर करने को कहा है. इस मामले में बाहुबली नेता सूरजभान और राजन तिवारी समेत 6 और लोग भी आरोपी थे. सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने उन्हें बरी करने वाला हाई कोर्ट का आदेश बरकरार रखा है.


हाई कोर्ट ने सभी आरोपियों को किया था बरी


पूर्व मंत्री बृजबिहारी की हत्या 1998 में हुई थी. मामले में बिहार के बाहुबली नेता सूरजभान सिंह और मुन्ना शुक्ला समेत 8 आरोपियों को 2009 में निचली अदालत ने उम्रकैद दी थी, लेकिन 2014 में पटना हाई कोर्ट ने सभी को बरी कर दिया था. इसके खिलाफ बृजबिहारी प्रसाद की पत्नी और पूर्व सांसद रमा देवी और सीबीआई सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे.


90 के दशक में लालू यादव और राबड़ी देवी सरकार में मंत्री रहे बृजबिहारी प्रसाद की दुश्मनी छोटन शुक्ला गैंग से मानी जाती थी. 1994 में छोटन शुक्ला की हत्या हुई. इसमें बृजबिहारी से जुड़े लोगों का नाम सामने आया. कुछ सालों के बाद छोटन के भाई भुटकुन शुक्ला की भी हत्या हुई. 1998 में बृजबिहारी प्रसाद पर मंत्री रहते भ्रष्टाचार का केस दर्ज हुआ. गिरफ्तारी के बाद वह बीमारी के चलते पटना के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान केंद्र में भर्ती हो गए. वहां यूपी के कुख्यात गैंगस्टर श्रीप्रकाश शुक्ला समेत 4 लोगों ने उनकी गोली मार कर हत्या कर दी.


पटना की विशेष कोर्ट ने सुनाई थी उम्रकैद की सजा


यह आरोप लगा कि छोटन शुक्ला के तीसरे भाई विजय कुमार उर्फ मुन्ना शुक्ला ने यह हत्या करवाई है. इस साजिश में उनके साथ बाहुबली सूरजभान और राजन तिवारी समेत कई लोग शामिल हैं. मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी. 2009 में पटना की विशेष कोर्ट ने मुन्ना शुक्ला, सूरजभान, राजन तिवारी, मंटू तिवारी, मुकेश सिंह, ललन सिंह, कैप्टन सुनील सिंह, राम निरंजन चौधरी को उम्रकैद की सजा दी. 2014 में पटना हाई कोर्ट ने सबूतों को अपर्याप्त बताते हुए सबको बरी कर दिया था.


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