अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई 10 जनवरी को, तीन जजों की बेंच करेगी सुनवाई
अयोध्या विवाद पर तीन जजों की बेंच अगली सुनवाई 10 जनवरी को करेगी. हालांकि अभी यह तय नहीं हो पाया है कि तीन जज कौन होंगे.
नई दिल्लीः अयोध्या विवाद पर सुनवाई टल गई है. अब तीन जजों की बेंच 10 जनवरी को इस मामले की सुनवाई करेगी. उसी दिन आगे की सुनवाई की रूपरेखा भी तय होगी. अभी तक बेंच में कौन तीन जज होंगे नाम तय नहीं हो पाया है. सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस संजय किशन कौल की बेंच ने इस मामले पर आज अपना फैसला सुनाया है.
राम मंदिर को लेकर एक और नई याचिका दायर की गई थी आइटम नंबर 18 के तौर पर. इसमें हरिनाथ नाम के शख्स (मूल पक्षकार नहीं) ने तय समय सीमा में सुनवाई की मांग की थी. कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया. हालांकि CJI ने कहा- 10 तारीख को जो बेंच बैठेगी, वही मामले पर कोई आदेश देगी.
8 साल से लंबित है मामला 30 सितंबर 2010 को इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला आया था. हाईकोर्ट ने विवादित जगह पर मस्ज़िद से पहले हिन्दू मंदिर होने की बात मानी थी. लेकिन ज़मीन को रामलला विराजमान, निर्मोही अखाड़ा और सुन्नी वक्फ बोर्ड के बीच बांटने का आदेश दिया था. हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सभी पक्ष सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे. तभी से यह मामला लंबित है.
राम मंदिर निर्माण में देरी होता देख आरएसएस, शिवसेना, वीएचपी और संत समाज के एक वर्ग ने संसद से अध्यादेश लाने की मांग कर रही है. हालांकि सरकार का कहना है कि हमें सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का इंतजार करना चाहिए. पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अध्यादेश की मांग को खारिज कर दिया था.
एक इंटरव्यू के दौरान नरेंद्र मोदी ने कहा था, "राम मंदिर पर हमारी सरकार अध्यादेश नहीं लाएगी. कानूनी प्रक्रिया के बाद ही राम मंदिर पर फैसला किया जाएगा. राम मंदिर को लेकर जब तक कानूनी प्रक्रिया चल रही है तब तक अध्यादेश लाने का विचार नहीं है."
सुप्रीम कोर्ट सुनवाई से कर चुका है इंकार इससे पहले पिछले साल 29 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जल्द सुनवाई से इनकार कर दिया था. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट के वकील हरिनाथ राम ने एक पीआईएल दाखिल कर सुप्रीम कोर्ट से मांग खी थी कि जल्द से जल्द इस मामले को सुना जाए.
याचिकाकर्ता ने कहा था कि यह करोड़ों हिंदुओं की आस्था से जुड़ा मामला है. राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पिछले कई दशकों से अटका हुआ है. जल्द से जल्द इसपर फैसला लिया जाए. सुप्रीम कोर्ट ने साल 2018 के नवंबर में सुनवाई के दौरान कहा था कि यह मामला जनवरी के पहले हफ्ते में उचित पीठ के समक्ष सूचीबद्ध होगा, जहां से इसकी सुनवाई का कार्यक्रम निर्धारित किया जाएगा.
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