नई दिल्ली: राफेल डील पर मोदी सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. डील को चुनौती देने वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. सीजेआई रंजन गोगोई की पीठ ने आज कहा कि हम इससे सन्तुष्ट हैं कि प्रक्रिया में कोई विशेष कमी नहीं रही है. भारत को विमान की ज़रूरत है, विमान की क्षमता पर शक नहीं है. 126 की बजाय 36 विमान लेने के सरकार के फैसले पर सवाल उठाना ठीक नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि ऐसे मामलों में न्यायिक समीक्षा का कोई तय नियम नहीं है. राष्ट्रीय सुरक्षा के पहलू का ध्यान रखना ज़रूरी है. शीर्ष अदालत ने कहा, ''लड़ाकू विमानों की जरूरत है और देश लड़ाकू विमानों के बगैर नहीं रह सकता है.''


कैसे है मोदी सरकार की बड़ी जीत?


दरअसल, विपक्षी पार्टियां लगातार राफेल डील पर सवाल उठा रही थी. पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में भी कांग्रेस ने इस डील को घोटाला बताते हुए खूब भुनाया था. लेकिन विपक्षी दलों का दावा सुप्रीम कोर्ट में नहीं टिक पाया. कांग्रेस ने आज भी संसद में राफेल डील का मसला उठाया और इस मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया.


सुप्रीम कोर्ट के आज के फैसले के बाद गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए कहा कि हम तो पहले से कह रहे थे कि यह डील बिल्कुल सही है, कोई गड़बड़ी नहीं हुई. सुप्रीम कोर्ट के फैसले आने के बाद साफ है कि कांग्रेस के आरोप बेबुनियाद थी. जेपीसी की मांग निराधार थी.






राफेल डील को चुनौती देते हुए वकील एम एल शर्मा, विनीत ढांडा, पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी, वकील प्रशांत भूषण और आप सांसद संजय सिंह ने याचिकाएं दाखिल की थी. सबने विमान सौदे में कमियां गिनाईं, तय प्रक्रिया का पालन न करने, पारदर्शिता की कमी, ज़्यादा कीमत देकर कम विमान लेने जैसे सवाल उठाए और भ्रष्टाचार का भी अंदेशा जताया.


खास तौर पर भारत में फ्रेंच कंपनी दसॉल्ट का ऑफसेट पार्टनर रिलायंस को बनाए जाने पर सवाल उठाए गए. कहा गया कि सरकारी कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को दरकिनार कर रिलायंस को फायदा पहुंचाने के लिए पहले से चल रही डील को रद्द कर नया समझौता किया गया.


पिछली सुनवाई के दौरान केंद्र की तरफ से एटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने देशहित का हवाला दिया था. उन्होंने कहा था कि सौदे के सभी पहलुओं पर चर्चा नहीं की जा सकती. उन्होंने कहा कि सभी याचिकाएं मीडिया की रिपोर्टिंग के आधार पर दाखिल कर दी गई हैं. इनमें बार-बार कीमत को लेकर सवाल उठाए गए हैं. इन सवालों के जवाब दिए गए तो इससे भारत के शत्रु देश विमान की बारीकियों के बारे में जान जाएंगे.