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अगर ऐसा हुआ तो शशिकला का सीएम बनने का सपना चूर-चूर हो जाएगा!
![अगर ऐसा हुआ तो शशिकला का सीएम बनने का सपना चूर-चूर हो जाएगा! Supreme Court Verdict On Sasikala Disproportionate Assets Case On Tuesday अगर ऐसा हुआ तो शशिकला का सीएम बनने का सपना चूर-चूर हो जाएगा!](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2017/02/13225131/SASIKALA-2.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
नई दिल्ली: तमिलनाडू में मुख्यमंत्री पद की दावेदार शशिकला, उनके समर्थकों और विरोधियों की निगाहें मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट पर टिकी होंगी. सुबह साढ़े 10 बजे अदालत आय से अधिक मामले में फैसला देगी. फैसले का सीधा असर शशिकला के राजनीतिक भविष्य पर होगा.
21 साल पुराने इस मामले में दिवंगत सीएम जयललिता और शशिकला के अलावा 2 और लोगों को बंगलुरु की विशेष अदालत ने 4 साल की सज़ा दी थी. हालांकि, कर्नाटक हाई कोर्ट ने सबको बरी कर दिया था.
अगर सुप्रीम कोर्ट निचली अदालत से मिली सज़ा को बरकरार रखता है तो शशिकला को जेल जाना होगा. लेकिन अगर सुप्रीम कोर्ट भी उन्हें हाई कोर्ट की तरह बरी कर देता है, तो वो राजनीतिक रूप से और ताकतवर होकर उभरेंगी.
क्या है मामला ये मामला 1996 में दर्ज हुआ था. तब जयललिता पर आय से 66 करोड़ ज्यादा संपत्ति रखने का आरोप लगा था. जयललिता पर फर्जी कंपनियों के ज़रिये पैसों के हेर-फेर का आरोप लगा. उनके साथ उनके दत्तक पुत्र सुधाकरन, करीबी सहयोगी शशिकला और शशिकला की भतीजी इल्वारासी को भी आरोपी बनाया गया
उस वक्त जयललिता के घर पर मारे गए छापे में 880 किलो चाँदी, 28 किलो सोना, 10,500 साड़ियां, 750 जोड़ी चप्पलें, 91 कीमती घड़ियाँ और कई दूसरे कीमती सामान ज़ब्त हुए थे. 2002 में जयललिता के मुख्यमंत्री बनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामला कर्नाटक ट्रांसफर कर दिया था.
पहले आए फैसले और उनका असर मामले में बंगलुरु की विशेष अदालत का फैसला 27 सितम्बर 2014 को आया था. अदालत ने जयललिता को 4 साल की सज़ा देने के साथ ही उनपर 100 करोड़ का जुर्माना भी लगाया था. इसके अलावा शशिकला, इल्वारासी और सुधाकरन को 4 भी साल की कैद और 10-10 करोड़ जुर्माने की सजा मिली थी. चारों को तुरंत जेल भेज दिया गया था.
11 मई 2015 को कर्नाटक हाई कोर्ट ने मामले में रखे गए सबूतों को नाकाफी बताते हुए चारों को बरी कर दिया था. जयललिता के जेल जाने के बाद मुख्यमंत्री बने पन्नीरसेल्वम ने उनके बरी होते ही इस्तीफा दिया और वो दोबारा सीएम बनीं.
शशिकला के लिए पूरी तरह बरी होना ज़रूरी शशिकला पर आईपीसी की धारा 120 बी यानी साज़िश में भागीदारी के आरोप हैं. अगर मामले की मुख्य आरोपी जयललिता को कोर्ट निर्दोष मानता है तो बाकी आरोपी खुद ही बरी हो जाएंगे. अगर जयललिता को दोषी पाया जाता है तो साज़िश में भागीदारी के लिए बाकी लोगों को जेल और जुर्माने की सज़ा मिलेगी. जेल जाने का मतलब होगा शशिकला के सीएम बनने के सपने का टूट जाना.
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