विधायकों के सामने भावुक हुईं शशिकला, कहा- मैं कहीं भी रहूं, हमेशा पार्टी के बारे में ही सोचूंगी
नई दिल्ली/चेन्नई: तमिलनाडु में राजनीतिक तूफान के बीच सुप्रीम कोर्ट के फैसले के साथ ही सुबह से ही सूबे में राजनीतिक उठापटक अपने चरम पर पहुंच गई है. सबसे पहले पन्नीरसेल्वम की जगह सीएम बनने पर अड़ी वीके शशिकला के खिलाफ आय से ज्यादा संपत्ति के केस में सुप्रीम कोर्ट ने चार साल की सजा सुनाई. उसके बाद पलानीसामी विधायक दल के नए नेता चुने गए.
- शशिकला ने विधायकों से कहा, ''मेरे खिलाफ केस डीएमके ने फाइल किया था, मैं इसे संभाल लूंगी. आप लोगों एकजुट रहना होगा और तय करना होगा कि लोग डीएमके के अस्तित्व पर सवाल करें.''
- शशिकला अपनी बात कहते हुए भावुक भी हो गईं. उन्होंने कहा, "कोई भी ताकत मुझे एआएईडीएमके से अलग नहीं कर सकती, मैं कहीं भी रहूं मैं हमेशा पार्टी के बारे में ही सोचूंगी.''
- शशिकला ने कहा, ''विधायक मुझे समर्थन दे रहे हैं, बहुत सारी कठनाइयों के बावजूद मैं संतुष्ट महसूस कर रही हूं. मुझे भरोसा है अगर हम शांत रहेंतो जो हमें जल्द से सरकार बनाने का न्योता मिलेगा.''
- शशिकला ने गोल्डन बे रिसॉर्ट में विधायकों से बात की.
- जयललिता की भतीजी दीपा जयकुमार ने पपन्नीरसेल्वम का खेमे का हाथ थाम लिया है. दीपा कुमार ने जयललिता की समाधि पर पन्नीरसेल्वम से मुलाकात के बाद ये फैसला लिया.
- ईके पलानीसामी के बाद पन्नीरसेल्वम गुट से राज्यसभा सांसद मैथ्रेयन और पीएच पंडायन राज्यपाल से मिलेंगे. राज्यपाल से मुलाकात के लिए सात बजे का वक्त तय किया गया है.
- एआईएडीएमके विदायक दल के नए नेता ईके पलानीसामी ने राज्यपाल से मुलाकात कर उन्हें 124 विधायकों के दस्तखत वाली समर्थन की चिट्ठी सौंपी है. पलानीसामी के दावे पर पन्नीरसेल्वम गुट का कहना है कि विधायकों से जबरन दस्तखत करवाए गए हैं.
- ईके पलानीसामी ने समर्थकों के साथ राज्यपाल से मुलाकात की और सरकार बनाने का दावा पेश किया. पलानीसामी ने राजभवन से बाहर निकलने के बाद पत्रकारों के सवालों का जवाब नहीं दिया.
- सूत्रों के मुताबिक तमिलनाडु के राज्यपाल सी विद्यासागर राव पन्नीरसेल्वम और ईके पलानीसामी को बहुमत साबित करने का मौका देते हुए फ्लोर टेस्ट करवा सकते हैं. आपको बता दें केंद्र सरकार के सबसे बड़े वकील एटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी औप पूर्व एटॉर्नी जनरल मोहन प्रकाश ने भी राज्यपाल को बहुमत परीक्षण कराने की सलाह दी थी.
- वहीं एक और पूर्व एटॉर्नी जनरल सोली सोराबजी के मुताबिक जिस नेता के पास बहुमत हो राज्यपाल को उसे शपथ दिलानी चाहिए. सूत्रों के मुताबिक पन्नीरसेल्वम और पलानीसामी से मुलाकात के बाद राज्यपाल एक हफ्ते के भीतर विधानसभा का विशेष सत्र बुला सकते हैं.
- जयललिता की भतीजी दीपा जयकुमार ने कहा, ''अच्छा फैसला है, शशिकला और उनके परिवार के लोग तमिलनाडु की जनता के नेतृत्व की काबिलियत नहीं रखते. तमिलनाडु का नेता शशिकला की कठपुतली नहीं होना चाहिए.''
- एआईएडीएमके विधायकदल की बैठक में पन्नीरसेल्वम समेत उनके खेमे के बीस सदस्यों को पार्टी से निकाल दिया गया है. इसमें कई दिग्गज नेता भी शामिल हैं.
- एआईएडीएमके विधायक दल के नेता चुने गए ईके पलनीसामी अपने साथी नेताओं के साथ आज शाम 5.30 बजे राज्यपाल सी विद्यासागर राव से मिलेंगे. पलनीसामी गवर्नर से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे.
- शशिकला के भरोसमंद ई. के पलनीस्वामी को विधायक दल का नेता चुना गया.
- ओ पन्नीरसेल्वम को AIADMK पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से बर्खास्त किया गया.
- शशिकला के अलावा सुधाकरन और इल्वरासी को 4 साल की कैद और 10-10 करोड़ का जुर्माना लगाया गया है. जयललिता के दिवंगत हो जाने के चलते उनका मामला खत्म कर दिया गया है.
- शशिकला ने कूवाथर के एक रेज़ॉर्ट में विधायक दल का नेता चुनने के लिए विधायकों की आपातकालीन बैठक बुलाई.
- इस फैसले के बाद ओ पन्नीरसेल्वम के समर्थक उनके आवास के सामने जुटे.
- सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर बीजेपी प्रवक्ता नलिन कोहली ने कहा- सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान होना चाहिए. शांति बनाए रखें. कोई कानून को अपने हाथ में लेने की कोशिश ना करे. कानून सभी के लिए बराबर है.
- सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा- भ्रष्टाचार के बाकी केस पर भी ऐसे ही जल्द फैसले आने चाहिए.
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि उन्हें तुरंत अदालत जाकर सरेंडर करना होगा. अब उनके पास सिर्फ पुर्नविचार याचिका दायर करने का विकल्प है लेकिन उसमें भी समय लगेगा.
- अब शशिकला को 10 साल तक कोई राजनीतिक पद नहीं मिल पाएगा. अब शशिकला 6 साल तक चुनाव भी नहीं लड़ पाएंगी.
- अब शशिकला को जेल जाना होगा. अब शशिकला के पास सरेंडर करने के अलावा कोई चारा नहीं है. अब शशिकला मुख्यमंत्री भी नहीं बन पाएंगी.
- 27 सितंबर 2014 को बेंगलूरु की विशेष अदालत ने जयललिता को 4 साल की सजा सुनाई थी. इसके अलावा जयललिता पर 100 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया था.
- इस केस में ही शशिकला और उनके दो रिश्तेदारों को भी चार साल की सजा सुनाई गई थी और 10-10 करोड़ का जुर्माना भी लगाया गया था. फैसले के बाद चारों को जेल भी भेजा गया था. जिसके बाद विशेष अदालत के बाद मामला कर्नाटक हाईकोर्ट पहुंचा था.
- ये मामला करीब 21 साल पुराना साल 1996 का है, जब जयललिता के खिलाफ आय से 66 करोड़ रुपये की ज्यादा की संपत्ति का केस दर्ज हुआ था.
- इस केस में जयललिता के साथ शशिकला और उनके दो रिश्तेदारों को भी आरोपी बनाया गया था. शशिकला के खिलाफ ये केस निचली अदालतों से होते हुए सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा है.
11 मई 2015 को हाईकोर्ट ने कर दिया था बरी-
11 मई 2015 को हाईकोर्ट ने सबूतों के अभाव में चारों को बरी कर दिया था. हाईकोर्ट से जयललिता और शशिकला को बड़ी राहत तो मिली थी, लेकिन इसके बाद कर्नाटक की सरकार जयललिता की विरोधी पार्टी डीएमके और बीजेपी के नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने चुनौती दे दी. कर्नाटक सरकार इस मामले में इसलिए पड़ी, क्योंकि 2002 में सुप्रीम कोर्ट ने केस को कर्नाटक हाईकोर्ट में ट्रांसफर कर दिया था.