Supreme Court: भारत छोड़ कर लंदन भाग गए कारोबारी विजय माल्या (Vijay Malya) के वकील ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) को बताया है कि उनका उससे संपर्क नहीं हो या रहा है. वकील ने माल्या की तरफ से दाखिल एक केस से खुद को मुक्त करने का अनुरोध कोर्ट से किया. जजों ने इसकी इजाजत दे दी लेकिन कहा कि वकील माल्या का पता और ईमेल कोर्ट की रजिस्ट्री के पास लिखवा दें.
ध्यान रहे कि इस साल 11 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने माल्या को अपनी अवमानना के मामले में 4 महीने की सज़ा दी थी. 2016 में देश छोड़ कर भागे माल्या को 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने अपनी अवमानना का दोषी करार दिया था. लेकिन सज़ा पर चर्चा के लिए न तो माल्या पेश हुआ, न उसकी तरफ से कोई वकील. ऐसे में कोर्ट ने उसकी गैरमौजूदगी में ही सज़ा की घोषणा की थी.
क्यों अवमानना को दोषी करार दिया गया था माल्या?
बैंकों के हज़ारों करोड़ रुपए हजम कर फरार माल्या को डिएगो डील के 40 मिलियन डॉलर अपने बच्चों के विदेशी एकाउंट में ट्रांसफर करने और सम्पत्ति का सही ब्यौरा न देने के लिए अवमानना का दोषी करार दिया गया था. सुनवाई के दौरान केंद्र ने कोर्ट को बताया था कि प्रत्यर्पण की कानूनी लड़ाई हार जाने के बावजूद माल्या कुछ कानूनी दांवपेंच अपना कर यूनाइटेड किंगडम में बना हुआ है. उसने वहां कोई गुप्त कानूनी प्रक्रिया शुरू कर ली है. यूके की सरकार ने न तो इस प्रक्रिया में भारत सरकार को पक्ष बनाया है, न उसकी जानकारी साझा की है. इस कारण माल्या को अब तक भारत नहीं लाया जा सका है.
वकील ने मांगी कोर्ट से अलग होने की इजाजत
आज माल्या की तरफ से दाखिल एक केस जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच के सामने लगा. इस याचिका में माल्या ने कहा है कि प्रवर्तन निदेशालय उसकी सभी संपत्तियों को गलत तरीके से ज़ब्त कर रहा है. जब जांच किंगफिशर मामले की हो रही है, तो संपत्ति भी सिर्फ उसी से जुड़ी हुई ज़ब्त होनी चाहिए. लेकिन माल्या के लिए पेश वकील ई.सी. अग्रवाला ने केस से हटने की इच्छा जताई.
उन्होंने जजों को बताया कि उनका माल्या से संपर्क नहीं हो पा रहा. उन्होंने केस को लेकर माल्या से निर्देश हासिल करने की कोशिश की, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. वकील की बातों को सुनने के बाद बेंच ने उन्हें केस से मुक्त होने की इजाज़त दे दी. कोर्ट ने यह भी कहा कि वह विजय माल्या का लंदन का पता और ईमेल रजिस्ट्री को बता दें.