Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट की एक पीठ ने शादी का झांसा देकर महिला से संबंध बनाने वाले एक आरोपी सैनिक को अग्रिम जमानत देते हुए चेतावनी दी कि अगर उसने महिला से जल्द शादी नहीं की, तो उसे पत्नी भी नहीं मिलेगी और गंभीर नतीजे भी भुगतने पड़ेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने जवान की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए वकील से सवाल किया कि जब महिला तैयार है, तो शादी में देरी क्यों हो रही है?


सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?


जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस विक्रम नाथ की पीठ ने आरोपी मुकेश (बदला हुआ नाम) को अग्रिम जमानत देते हुए कहा है कि आरोपी को सुनवाई की अगली तारीख से पहले महिला से शादी करनी होगी. अगर ऐसा नहीं होता है, तो जवान को गंभीर परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना होगा. याचिका की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की बेंच को पीड़ित महिला की ओर से बताया गया था कि वह आरोपी जवान से शादी के लिए तैयार है. पीठ ने इस मामले में सुनवाई की अगली तारीख आने वाले महीने जनवरी के आखिरी हफ्ते में तय की है.


शादी न कर पाने पर क्या दी दलील?


सुप्रीम कोर्ट में आरोपी जवान के वकील ने तर्क देते हुए कहा कि याचिकाकर्ता के सेना में होने की वजह से उसे छुट्टी नहीं मिल सकी. जिसके चलते वो शादी नहीं कर सका. वकील की ओर से ये भी कहा गया कि याचिकाकर्ता इसी महीने छुट्टी पर घर आने वाला है. पीठ ने इस तर्क का संज्ञान लेते हुए कहा, उम्मीद की जाती है कि सुनवाई की अगली तारीख से पहले दोनों की शादी हो जाएगी.


हाईकोर्ट ने खारिज कर दी थी याचिका


सुप्रीम कोर्ट से अग्रिम जमानत मिलने से पहले याचिकाकर्ता मुकेश ने पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट में भी अपील की थी. जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पीड़िता के घरवालों ने शादी की तैयारियों के लिए मुकेश को कई फोन किए थे. इतना ही नहीं, खुद पीड़िता ने भी आरोपी जवान से बात करने के लिए कई फोन कॉल्स किए, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. जिसके बाद महिला ने थाने में शिकायत दर्ज करा दी थी. 


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