Manish Sisodia: आम आदमी पार्टी नेता और दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया करीब 16 महीने से जेल में बंद हैं. इसी कड़ी में उनकी जमानत का मामला फिर से सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है. मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका को पहले ट्रायल कोर्ट, हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट कई बार खारिज कर चुकी है.
मनीष सिसोदिया की जमानत की पुनर्विचार याचिका पर गुरुवार को न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली 3 जजों की बेंच सुनवाई करेगी. इस याचिका में सुप्रीम कोर्ट से दिल्ली आबकारी मामलों में जमानत की मांग वाली पिछली याचिका पर फिर से विचार करने की मांग की गई है. कोर्ट ने उनकी पिछली याचिका को भी खारिज कर दिया था.
सॉलिसिटर जनरल ने सुप्रीम कोर्ट ने कही थी ये बात
इससे पहले चार जून को सॉलिसिटर जनरल ने सुप्रीम कोर्ट में यह आश्वासन दिया था कि 3 जुलाई तक आबकारी नीति मामले में आरोप पत्र दाखिल कर दिया जाएगा. इसके बाद कोर्ट ने मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था. हालांकि कोर्ट ने मनीष सिसोदिया को इस बात को स्वतंत्रता दी थी कि आरोप पत्र दाखिल होने के बाद वो फिर से जमानत याचिका दाखिल कर सकते हैं.
अभिषेक मनु सिंघवी ने दी ये दलील
मुकदमे की प्रक्रिया में देरी का हवाला देते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने भारत के मुख्य न्यायाधीश के सामने मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने के लिए सिसोदिया के आवेदन को पेश किया था. इसको लेकर मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि वह मामले की समीक्षा करेंगे. बता दें कि पिछले साल 26 फरवरी को सीबीआई ने मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया था. इसके बाद फिर 9 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय ने उन्हें गिरफ्तार किया था.
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