सांप काटने से होने वाली मौतों पर सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट, केंद्र और राज्यों को जारी किया नोटिस
Supreme Court On Snake Bite Death: याचिका में मांग की गई है कि कोर्ट सरकार को सर्पदंश नियंत्रण मिशन और जागरूकता अभियान चलाने का निर्देश दिये जाएं. खास तौर पर ग्रामीण इलाकों में चलाया जाए.
Supreme Court On Snake Bite Death: सांप काटने से होने वाली मौतों को लेकर दाखिल एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और सभी राज्य सरकारों को नोटिस जारी किया है. याचिका में कहा गया है कि सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में सर्पदंश की उचित चिकित्सा और दवा उपलब्ध नहीं होती. लोगों में जागरूकता की भी कमी है. ऐसे में लोग झोला छाप डॉक्टरों या ओझा से इलाज करवाते हैं.
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बी. आर. गवई और के. वी. विश्वनाथन की बेंच ने याचिका को अहम मानते हुए नोटिस जारी किया. याचिकाकर्ता शैलेंद्र मणि त्रिपाठी के लिए वकील विशाल तिवारी कोर्ट में पेश हुए. याचिका में मांग की गई है कि देश के सभी सरकारी हस्पतालों में एंटीवेनम (जहर का असर नष्ट करने वाली दवा) और जरूरी इलाज उपलब्ध करवाया जाए.
दो दशक में 12 लाख मौतें
याचिका में बताया गया है कि पूरे देश में सरकारी अस्पतालों में अक्सर पॉलिवेनम उपलब्ध नहीं होता. इसमें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और जिला अस्पताल शामिल हैं. यह लोगों की जान के साथ खिलवाड़ है. केंद्र और राज्य सरकारों ने सांप काटने के उपचार को लेकर लोगों को जागरूक नहीं बनाया है. ऐसे में उचित इलाज के अभाव में पिछले दो दशक में सांप काटने से 12 लाख लोगों की मौत हुई है.
सर्पदंश नियंत्रण मिशन चलाने का किया आग्रह
याचिका में मांग की गई है कि कोर्ट सरकार को सर्पदंश नियंत्रण मिशन और जागरूकता अभियान चलाने का निर्देश दें. ऐसा अभियान खास तौर पर ग्रामीण इलाकों में चलाया जाए. सभी जिला अस्पतालों और सरकारी मेडिकल कॉलेजों में प्रशिक्षित डॉक्टरों को नियुक्त करने के साथ सर्पदंश उपचार और देखभाल इकाई बनाई जाए.
सांप काटने से 70 फीसदी मामलों में मौत
याचिकाकर्ता ने यह भी बताया है कि बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, राजस्थान और गुजरात जैसे राज्यों में सर्पदंश के काफी ज्यादा मामले होते हैं. 2001 से 2014 के बीच इन राज्यों के कृषि प्रधान इलाकों में रहने वाले लोगों की सांप काटने के 70 प्रतिशत मामलों में मौत हुई.