Supreme Court On CAA: नागरिकता संशोधन कानून यानी CAA को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अब 31 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. करीब ढाई साल के अंतराल के बाद सुनवाई के लिए लगा यह मामला रफ्तार पकड़ सके, उसके लिए कोर्ट ने कुछ जरूरी आदेश दिए हैं. इसमें सबसे अहम आदेश है कि 220 से अधिक याचिकाओं में लिखी गई बातों का वर्गीकरण किया जाए यानी मुद्दों को अलग-अलग करते हुए उनकी सूची बनाई जाए.


सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस उदय उमेश ललित और जस्टिस एस रविंद्र भाट की बेंच ने आदेश दिया है कि :-


* याचिकाओं में लिखी बातों का वर्गीकरण हो.
* सॉलिसीटर जनरल का दफ्तर 4 हफ्ते में यह काम करे और सभी मुद्दों पर जवाब भी दे.
* इसके बाद 2 हफ्ते में मुख्य मामलों की सूची बने. इसके लिए मामले से जुड़े वकीलों से चर्चा की जाए.
* असम और पूर्वोत्तर भारत के मामले अलग से सुने जाएंगे


पिछली बार कब हुई थी मामले की सुनवाई?
अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से आए गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को भारत की नागरिकता देने वाले CAA यानी नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने 22 जनवरी 2020 को नोटिस जारी किया था. हालांकि, तब कोर्ट ने कानून पर रोक लगाने से मना कर दिया था.


उस समय कोर्ट ने सरकार से 6 हफ्ते में जवाब के लिए कहा था. इस हिसाब से मार्च 2020 में ममका सुना जाना था. लेकिन उसी महीने देश भर में कोरोना फैल जाने के चलते सुप्रीम कोर्ट का कामकाज भी सीमित हो गया. अब करीब ढाई साल बाद लगे इस मामले में गति लाने के लिए कोर्ट ने आज निर्देश जारी किए हैं. 31 अक्टूबर को कोर्ट मामले की विस्तृत सुनवाई की रूपरेखा तय कर सकता है.


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