नई दिल्लीः कोरोना वायरस के चलते सुप्रीम कोर्ट ने कामकाज फिलहाल सीमित रखने का फैसला किया है. कोर्ट की तरफ से जारी नोटिस में यह बताया गया है कि फिलहाल सिर्फ तुरंत सुनवाई की जरूरत वाले मामलों को ही सुना जाएगा. सुनवाई के दौरान मामले से जुड़े वकीलों और हर पक्ष से किसी एक पक्षकार को ही मौजूद रहने की इजाजत होगी.


कल चीफ जस्टिस एस ए बोबडे ने अपने आवास पर एक बैठक बुलाई थी. विषय था कोरोना के खतरे से बचाव के लिए ज़रूरी कदमों पर विचार. बैठक में चीफ जस्टिस के साथ जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस यु यु ललित, अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल, सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता, वकीलों की संस्था SCBA और SCAORA के सचिवों के साथ स्वास्थ्य और कानून मंत्रालय के अधिकारी शामिल हुए थे. फिलहाल कोर्ट में होली की छुट्टी चल रही है. ऐसे में बैठक में इस बात पर चर्चा हुई कि छुट्टी को और आगे बढ़ा दिया जाए या फिर कामकाज को सीमित रखा जाए.


सुप्रीम कोर्ट में कामकाज को सीमित रखा जाएगा-नोटिस जारी
आज कोर्ट ने नोटिस जारी कर फिलहाल कामकाज को सीमित रखने के फैसले की जानकारी दी है. मुकदमा लड़ रहे पक्षकारों, वकीलों, सुरक्षा स्टाफ, मेंटेनेंस स्टाफ, छात्रों, लॉ इंटर्न, मीडिया समेत कोर्ट में आने वाले सभी लोगों को सूचित करते हुए एक नोटिस जारी किया गया है. इस नोटिस में कहा गया है कि फिलहाल सुप्रीम कोर्ट के कामकाज को सीमित रखने का फैसला किया गया है. इसलिए, सिर्फ वही मामले सुनवाई के लिए लगाए जाएंगे, जिनमें तुरंत सुनवाई जरूरी है. जितने मामले सुनवाई के लिए लगाए जाएंगे, उनके हिसाब से जरूरत के मुताबिक ही बेंचों की संख्या रखी जाएगी. जो भी लोग अपने मामले को तुरंत सुनवाई के लिए लगवाना चाहते हैं, वह कोर्ट की बजाए मेंशनिंग अधिकारी के पास जाएं.



इस नोटिस में यह भी लिखा गया है कि सिर्फ मामले में जिरह करने वाले या उनकी सहायता करने वाले वकीलों को ही अभी कोर्ट रूम में जाने की अनुमति होगी. उनके साथ मुकदमे के दोनों पक्षों की तरफ से कोई एक-एक व्यक्ति जा सकता है. नोटिस में आगे लिखा गया है, ''कोर्ट के स्टाफ को इस बारे में निर्देश जारी कर दिए गए हैं. सभी लोगों से आग्रह है कि वह उनके साथ सहयोग करें. ऐसा करना सबके हित में है.''


16 मार्च से सुप्रीम कोर्ट में कामकाज की शुरुआत होनी है
सोमवार, 16 मार्च से छुट्टी के बाद सुप्रीम कोर्ट में कामकाज की शुरुआत होनी है. ऐसे में साफ है कि पहले जारी सुनवाई की लिस्ट अब रद्द मानी जाएगी. अब नई लिस्ट जारी होगी, जिसमें सिर्फ उन मामलों को ही सुनवाई के लिए लगाया जाएगा जिनमें तुरंत सुनवाई जरूरी होगी. ऐसा ही एक मामला है, निर्भया के हत्यारे मुकेश की तरफ से दाखिल अर्जी. मुकेश ने कोर्ट से मांग की है कि उसे दोबारा क्यूरेटिव याचिका लगाने का मौका दिया जाए. चूंकि मुकेश समेत चारों दोषियों को 20 मार्च को फांसी होनी है ऐसे में साफ है कि यह मामला सुनवाई के लिए कोर्ट में जरूर लगाया जाएगा.


दिल्ली हाई कोर्ट में भी सुरक्षा उपाय अपनाए गए
दिल्ली हाई कोर्ट ने भी कोविड 19 यानी कोरोना वायरस के विस्तार को रोकने के लिए सुरक्षा उपाय अपनाने शुरू कर दिए हैं. हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की तरफ से जारी एक सूचना में कहा गया है कि हाई कोर्ट के हर गेट पर टेंपरेचर गन लगाया जाएगा. सभी लोगों से अनुरोध किया गया है कि वह अपने शरीर का तापमान मापने में स्टाफ के साथ सहयोग करें. इन दिनों कई इमारतों में टेंपरेचर गन लगाए जा रहे हैं. जिन लोगों के शरीर का तापमान सामान्य से ज्यादा होता है यानी जिनके बीमार होने की संभावना होती है, उन्हें बाहर रहने को कहा जा रहा है.