नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि गैरकानूनी तरीके से भारत आए म्यांमार के रोहिंग्या समुदाय के लोगों को वापस भेजने के मामले में सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रख दिया है. उन्होंने कहा कि अब इस मामले में कोर्ट के फैसले का इंतजार है.
सोमवार को एक कार्यक्रम में शिरकत के बाद राजनाथ सिंह ने कहा कि गृह मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में रोहिंग्या मामले में हलफनामा पेश कर दिया है. इसमें सरकार ने इस मुद्दे पर अपनी स्थिति साफ कर दी है. उन्होंने कहा कि अब हमें सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार करना चाहिए. इससे पहले भी सरकार स्पष्ट कर चुकी है कि गैरकानूनी तरीके से भारत आए रोहिंग्या समुदाय के लोगों को वापस भेजा जाएगा.
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सरकार के इस रुख को रोहिंग्या समुदाय के दो शरणार्थियों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. सरकार की तरफ से इस मामले में सोमवार को कोर्ट के सामने हलफनामा पेश कर अपने रुख की जानकारी दी जानी थी. इस बारे में राजनाथ सिंह ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, ‘‘ गृह मंत्रालय की तरफ से कोर्ट में एक हलफनामा पेश किया गया है. अब इस मामले में जो भी फैसला होना है वह कोर्ट की तरफ से किया जाएगा. मैं समझता हूं कि हम सबको कोर्ट के फैसले का इंतजार करना चाहिए.’’
गृह मंत्रालय ने कोर्ट में पेश हलफनामे में राहिंग्या मुसलमानों को अवैध आप्रवासी बताते हुए कहा है कि भारत में इनके लगातार रहने से राष्ट्रीय सुरक्षा के गंभीर प्रभाव होंगे. भारत में संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायोग की ओर से पंजीकृत रोहिंग्या शरणार्थी याचिकाकर्ताओं ने अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार नियमों का हवाला देते हुए भारत पहुंचे रोहिंग्या समुदाय के लोगों को शरणार्थी का दर्जा देने की मांग की है.